VIDEO: यूपी निकाय चुनाव में मिली हार से सदमें में विपक्ष, सभी पार्टियां हार की करेगी समीक्षा, तारीख हुई तय

Edited By Mamta Yadav,Updated: 15 May, 2023 11:40 PM

रे प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत से विपक्षी पार्टियां सदमें में चली गई हैं....प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सपा को समझ में नहीं आ रहा है कि निकाय चुनाव के परिणाम को किस तरीके से देखे...क्यों कि 17 नगर निगम में से एक भी सीट...

पूरे प्रदेश में हुए निकाय चुनाव में भाजपा की जबरदस्त जीत से विपक्षी पार्टियां सदमें में चली गई हैं....प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी सपा को समझ में नहीं आ रहा है कि निकाय चुनाव के परिणाम को किस तरीके से देखे...क्यों कि 17 नगर निगम में से एक भी सीट सपा के खाते में नहीं है...वहीं नगर पंचायत और नगर पालिका में भी जहां सपा के पास कुछ सीटें थी वो भी इस बार छिन गई...इस हार की वजह तलाशने के लिए अब समाजवादी पार्टी की तरफ से एक समीक्षा बैठक बुलाई जा रही है...लेकिन इस हार की असली वजह अगर पार्टी मुखिया अखिलेश यादव के सर मढ़ा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा...क्यों की अखिलेश यादव ने इक्का दुक्का जगहों को छोड़ कर कहीं भी प्रचार नहीं किया...जिससे कार्यकर्ताओं के साथ सपा के वोटरों को गहरी निराशा हुई और वोटर भाजपा की तरफ चला गया...खैर सपा अब समीक्षा बैठक करने जा रही है तो कुछ हल निकलेगा ही..क्यों कि ठीक एक साल बाद लोकसभा का चुनाव होना है...और निकाय चुनाव को सभी दल लिटमस टेस्ट की तरह लेकर चल रहे थे....

अगर बात करें बसपा की तो बसपा सुप्रीमों मायावती राजनीति से दूर होती जा रही हैं...क्यों कि उपचुनाव में तो वो प्रत्याशी उतारती नहीं...लेकिन इस बार निकाय चुनाव में भी मायावती दूर ही रहीं... टिकट बंटवारे लेकर चुनाव प्रचार तक का जिम्मा प्रदेश अध्यक्ष पर छोड़ दिया गया..नतीजा सभी के सामने है....मायावती जो कि अपने आलीशान बंगले से बाहर निकलने में अब कतराती हैं..उन्होंने अगर योगी की तरह प्रदेश में जनसभाएं की होती तो बसपा काडर जो उनसे दूर जा रहा है उसे कुछ एनर्जी मिलती....लेकिन मायावती की उदासीनता से नतीजा सामने है....

बात करें कांग्रेस की तो प्रदेश में दशकों पहले वोट बैंक खो चुकी कांग्रेस की कमान प्रियंका गांधी के संभालने के बाद कुछ नेता एक्टिव हुए हैं...लेकिन इस निकाय चुनाव में सारा दारोमदार प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी के कंधों पर ही रहा....खाबरी से जितना बन पड़ा उन्होंने किया..लेकिन बदलाव का नारा देने वाली प्रियंका ने निकाय चुनाव से दूरी बनाए रखी...अब चुनाव में सभी विपक्षी दलों को चारो खाने चित्त करने वाली भाजपा के परचम लहराने के बाद सभी पार्टियां एक एक कर समीक्षा बैठक बुला रही हैं...जिसमें हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी...

गौरतलब है कि यूपी नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश की सभी 17 नगर निगम सीटों पर भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की है..... सभी 17 मेयर सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की जीत हुई है...जिसके बाद से एक तरफ जहां भाजपा के नेता से लेकर कार्यकर्ता चुनावी परिणाम से गदगद हैं...वहीं विपक्ष सदमें में है...मायावती से लेकर  अखिलेश यादव तक सभी भाजपा पुर चुनाव में धांधली कराने के आरोप लगा रहे हैं...

जिस तरीके से मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में भी भाजपा ने जीत हासिल की है...उससे आने वाले चुनावी साल में सपा बसपा की मुश्किलें बढ़ेंगी..क्यों कि विधानसभा चुनाव में जनता ने अपना रूख पहले ही बता दिया था...अब निकाय चुनाव में उसे दोबारा योगी पर फिर से भरोसा जताया है...पूरे साल एसी कमरों में बंद रहने वाले नेता चुनाव से कुछ समय पहले दिखते तो हैं.. लेकिन वो केवल ट्विटर तक ही सिमित रह जाते हैं...जिससे उनके कार्यकर्ताओं को घोर निराशा होती है...वहीं भाजपा पूरे साल चुनावी मोड में रहती है....चाहे चुनाव कोई भी हो उसे गंभीरता से लेकर चुनाव प्रचार से लेकर संगठन बनाने का काम करती है...यहीं कारण है कि इस निकाय चुनाव में भी पूरा प्रदेश भगवा मय हो गया है...आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एक नई रणनीति के साथ मैदान में उतरना होगा...उम्मीद है कि समीक्षा बैठक में कुछ समीक्षा कर जतना के सामने विपक्षी दल जरुर आएंगे....

 

 

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