150 रुपए की घड़ी चोरी में 49 साल चला केस, कोर्ट से मिली सिर्फ तारीख पर तारीख, 68 साल के व्रद्ध ने कबूला जुर्म, बोला- थक गया हूं, अब शक्ति नहीं बची

Edited By Purnima Singh,Updated: 04 Aug, 2025 04:10 PM

verdict after 49 years in the theft of a watch worth rs 150

यूपी के झांसी में 150 रुपए घड़ी चोरी करने के आरोप में 49 साल तक एक मुकदमा कोर्ट में चला। चोरी और गबन के दोषी 68 साल के कन्हैया लाल ने शनिवार को कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूलने के बाद जज साहब से गुहार लगाई कि वह 68 साल का हो गया है ....

झांसी (शहज़ाद ख़ान) : यूपी के झांसी में 150 रुपए घड़ी चोरी करने के आरोप में 49 साल तक एक मुकदमा कोर्ट में चला। चोरी और गबन के दोषी 68 साल के कन्हैया लाल ने शनिवार को कोर्ट के सामने अपना जुर्म कबूलने के बाद जज साहब से गुहार लगाई कि वह 68 साल का हो गया है, तारीख पर आते-आते थक चुका है। अब उसे सजा सुना दी जाए। कोर्ट में कन्हैयालाल के जुर्म को कबूलने के बाद जज ने कन्हैयालाल पर 2300 रूपये का अर्थ दंड भी लगाया। इस केस में तीन आरोपी थे। दो आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है। 

1976 से चल रहा केस 
पूरा मामला टहरौली थाना क्षेत्र के बमनुआ गांव का है। यहां एलएसएस सहकारी समिति में मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी कन्हैयालाल बतौर चपरासी के पद पर तैनात थे। कन्हैयालाल के साथ दो अन्य कर्मचारी भी शामिल थे। साल 1976 में उस समय के विभागीय सचिव ने टहरौली थाने में तहरीर देकर कन्हैयालाल समेत तीनों आरोपियों के खिलाफ रसीद बुक में हेरा फेरी और डेढ़ सौ रुपए की कीमत की घड़ी चोरी करने का मुकदमा लिखवाया था। 

फर्जी हस्ताक्षर से कन्हैयालाल ने वसूले थे हज़ारो रुपए 
रसीद बुक पर सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करके कन्हैयालाल ने लोगों से हज़ारो रुपए वसूल लिए थे। पुलिस ने तीनों के खिलाफ थाने मे संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी। इस मामले की सुनवाई कोर्ट ने शुरू की। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को जेल भेज दिया था। 23 दिसंबर 2023 को आखिरी बचे आरोपी कन्हैया लाल पर आरोप तय हुआ था। इसके बाद भी कोर्ट फैसला नहीं दे पाई थी। 

जुर्माना अदा कर कन्हैयालाल लौटे अपने घर 
बीते शनिवार को कोर्ट में तारीख थी। आरोपी कन्हैयालाल मध्य प्रदेश से झांसी आए। कोर्ट में कन्हैयालाल ने जज साहब से गुहार लगाते हुए कहा कि वह बुजुर्ग हो चुके हैं और अक्सर बीमार रहते हैं। तरीख पर आते-आते थक चुके हैं। यह चोरी का जुर्म स्वीकार करता हूं। मेरी उम्र को देखते हुए मुझे कम से कम सजा दी जाए। कोर्ट में कन्हैया लाल के जुर्म कबूल करने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुन्नालाल ने आईपीसी की धारा 457,, 380,, 409,,467,,468 और 120 बी में उसे दोषी करार देते हुए इन सभी धाराओं में करीब रुपय 2300 का जुर्माना लगाया। सजा सुनने के बाद कोर्ट में कन्हैयालाल ने जुर्माना अदा कर वापस अपने घर को लौट गए। 

जिले में चर्चा का विषय बना मामला 
49 साल तक चोरी और गबन के आरोप में मध्य प्रदेश से झांसी कोर्ट में दोषी कन्हैया लाल ने कई तारीखे की। 49 साल के बाद जब कोर्ट का फैसला आया और कोर्ट ने कन्हैयालाल को दोषी मानते हुए 2300 रूपये का जुर्माना और सजा के तौर पर जेल में बिताई गई अवधि को जोड़ा। इसके बाद कन्हैया को उसके जीवन की सबसे बड़ी राहत मिल गई। फिलहाल यह मामला और कन्हैया लाल की सजा अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है।

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