UPPSC: दूसरी रात भी लोक सेवा आयोग के सामने डटे परीक्षार्थी, मोमबत्ती जलाकर किया प्रदर्शन

Edited By Pooja Gill,Updated: 13 Nov, 2024 08:29 AM

uppsc candidates stood in front of public

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पीसीएस प्री और आरओ एआरओ की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन मंगलवार को भी जारी रहा। अलग-अलग जिलों से आए परीक्षार्थी मोमबत्ती जलाकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र 'वन डे वन एग्जाम' की मांग के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलनकर्मी छात्रों ने सोमवार की रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और मंगलवार की सुबह से फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए और आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके पुतले की अर्थी निकाली। इस बीच, एक छात्र अनिरुद्ध सिंह ने बताया कि आयोग के सचिव दो बार आयोग के गेट से बाहर आए और उन्होंने आंदोलन कर रहे छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ‘‘छात्र वन डे, वन एक्जाम'' की अपनी मांग पर अड़े हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटे से छात्र लगातार संघर्ष कर रहे हैं और आयोग अपने रुख पर अड़ा है। हमारी एक ही मांग है कि परीक्षा एक दिन में ही संपन्न कराई जाए और यह मांग पूरी होने तक हम आंदोलन जारी रखेंगे।      

'दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है'
उप्र लोक सेवा आयोग के एक प्रवक्ता ने बताया कि आयोग के दिशानिर्देश के मुताबिक सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया गया और जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में परीक्षा केंद्र बनाया गया। इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं। पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जनपदों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही सेंटर मिल पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।''

‘बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे'
आयोग ने सोमवार की रात एक बयान जारी कर कहा था, ‘‘परीक्षाओं की शुचिता और छात्रों के भविष्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से परीक्षाएं केवल उन केंद्रों पर कराई जा रही हैं, जहां किसी प्रकार की गड़बड़ियों की कोई संभावना नहीं है। पूर्व में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों में कई प्रकार की गड़बड़ियां संज्ञान में आयी हैं, जिसे खत्म करने के लिए इन केंद्रों को हटाया गया है।'' लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में लिखा था ‘‘बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे'', तो किसी में लिखा था, ‘‘एक दिन, एक परीक्षा''। आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस प्री की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है। आंदोलनरत छात्रों ने मुख्यमंत्री ईजी आदित्यनाथ के 'बाटोगे तो काटोगे ' के आधार पर बोल बाटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे। 

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