Edited By Mamta Yadav,Updated: 12 Jul, 2022 05:44 PM

उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने मंगलवार को जन सूचना अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की मूल भावना के अनुरुप आरटीआई आवेदनों का निस्तारण करने का निर्देश अधिकारियों दिया।
देवरिया: उत्तर प्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह ने मंगलवार को जन सूचना अधिकार (आरटीआई) अधिनियम की मूल भावना के अनुरुप आरटीआई आवेदनों का निस्तारण करने का निर्देश अधिकारियों दिया।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में देवरिया एवं कुशीनगर जनपदों में लंबित आरटीआई प्रकरणों की गहन समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे आरटीआई आवेदनों की समय से सूचना दें। जिससे पारदर्शिता में वृद्धि के साथ ही कार्यप्रणाली में सुधार भी होता है, जिसका लाभ अंतत: नागरिकों को सुशासन के रूप में मिलता है। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि अक्सर यह देखने में आता है कि जन सूचना अधिकार के तहत आने वाले आवेदन सही कार्यालय में नहीं पहुंचते है, जिससे सूचना मिलने में समस्या आती है। ऐसे आवेदनों का अंतरण 5 दिन की अवधि में संबंधित विभाग को कर देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण होता है तो उसे रिलीव करते समय आरटीआई के लंबित प्रकरणों की जानकारी अनिवार्य रूप से ली जाए। सूचना देते समय व्यापक लोकहित का ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सूचना आयोग में सुनवाई के दौरान जिम्मेदार अधिकारी स्वयं आने का प्रयास करें अथवा किसी ऐसे व्यक्ति को भेजें जिसे पूरे प्रकरण की जानकारी हो। इससे प्रकरणों के निस्तारण में सहायता मिलती है। उन्होंने कहा कि आरटीआई कानून 2005 के प्राविधानों के अनुसार 30 दिन के भीतर सूचना देना अनिवार्य है। समस्त कार्यालयों में जनसूचना अधिकारी नामित हो और उसका पदनाम पटल पर अंकित हो, जिससे आवेदकों को अनावश्यक भटकना न पड़े।
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि आरटीआई कानून 2005 की धारा (6/3 )के अंतर्गत जनपद देवरिया में कुल 521 आवेदन आए हैं। जिसमें से 428 का निस्तारण कर दिया गया है। अवशेष जनसूचना प्रार्थना पत्रों की संख्या 93 है, जिनका शीघ्र निस्तारण कर लिया जाएगा। जिलाधिकारी ने राज्य सूचना आयुक्त को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।