Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 26 Jan, 2021 02:31 PM
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास कराने के लिए जमा कराए जाने वाले विकास शुल्क में संशोधन किया है। जिसके तहत अब प्रदेश के चार शहरों...
लखनऊः उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने विकास प्राधिकरणों में नक्शा पास कराने के लिए जमा कराए जाने वाले विकास शुल्क में संशोधन किया है। जिसके तहत अब प्रदेश के चार शहरों ताजनगरी आगरा, राजधानी लखनऊ, कानपुर, के साथ गाजियाबाद में नक्शा पास कराना महंगा हो गया। वहीं 12 छोटे शहरों में इसे कम किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये फैसले लिए गए। इसके साथ ही कोरोना जैसी महामारी या आपदा जैसी स्थितियों में विकास शुल्क में छूट देने या इसे किस्तों में देने की सुविधा भी दी गई है। बता दें कि गाजियाबाद में विकास शुल्क 2500 रुपये से बढ़ाकर 3208 रुपये प्रति वर्ग मीटर और लखनऊ, कानपुर और आगरा में इसे 1400 से 2040 रुपये प्रति वर्ग मीटर किया गया है। नई व्यवस्था एक अप्रैल से लागू होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के मकानों पर यह संशोधन लागू नहीं होगा।
कैबिनेट बैठक में यूपी नगर योजना और विकास नियमावली 2021 को मंजूरी दी गई। अभी तक विकास शुल्क नियमावली 2014 में पांच श्रेणियों में 400 से 2500 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से विकास शुल्क लेने की व्यवस्था थी। विकास प्राधिकरणों को हर साल 15 फरवरी को गत वर्ष के आयकर विभाग के कॉस्ट इंफलेशन इंडेक्स के आधार पर विकास शुल्क को संशोधित कर 1 अप्रैल से लागू करना होगा। बस्ती और मिर्जापुर नई विकास प्राधिकरणों में विकास शुल्क लेने की व्यवस्था पहली बार लागू की गई है। वहीं दैवीय आपदा, आग, विस्फोट, बाढ़, युद्ध, हड़ताल, आतंकवादी घटना, महामारी, वैश्विक महामारी, नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदा आदि की दशा में राज्य सरकार को विकास शुल्क को किस्तों में भुगतान करने और उस पर देय ब्याज की दरों को कम या माफ करने का अधिकार होगा।