Edited By Imran,Updated: 18 Nov, 2024 04:01 PM
यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार समाप्त में अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं। इस उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा...
लखनऊ : यूपी की 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार समाप्त में अब बस कुछ ही घंटे बचे हैं। इस उपचुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी मैदान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 20 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा समेत कई सियासी दल हिस्सा ले रहे हैं । हालांकि इस चुनावी जंग में भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच कांटे की टक्कर देखी जा सकती है।
सपा-भाजपा में जमकर खींचतान
जहां एक तरफ सपा मुखिया अखिलेश यादव इस चुनावी होड़ में जीत दर्ज करने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं । वहीं दूसरी ओर भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ सभी पार्टियों के वोटबैंक में सेंध लगाने का बड़ी ही खूबी से कर रहे हैं। दोनों पार्टियों के बीच इस उपचुनाव में जीत दर्ज करने के लिए खींचतान मची हुई है । दोनों राजनीतिक दल सभी सीटों पर वोटरों को लुभाने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं।
मुस्लिम मतों पर सपा का पूरा फोकस
बता दें कि सपा लोकसभा चुनाव की तर्ज पर मुस्लिम मतों के साथ पीडीए को सहेजने में लगी है। इसके लिए बीते दिनों अखिलेश यादव सपा के दिग्गज नेता और उत्तर प्रदेश की राजनीति के बड़े चेहरे आज़म खान से मिलने उनके घर पहुंचे थे । इसके साथ ही उन्हें यह भरोसा भी दिलाया था कि अगर 2027 में वह सत्ता में लौटे तो उनपर लगे सभी मुकदमों को खारिज कर दिया जाएगा ।
31 साल से जीत को तरस रही भाजपा
चुनावी आंकड़ों में सपा का गढ़ बने कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में भी इस बार बड़ा उलटफेर हो सकता है । इस विधानसभा सीट पर दोनों पार्टियों के बीच बदलाव और भरोसे की लड़ाई छिड़ी हुई है। यहां बदलाव भाजपा के लिए इतिहास बनेगा। जबकि भरोसा सपा के मजबूती के रंग को और गहरा करेगा । बता दें कि इस विधानसभा सीट पर भाजपा को सिर्फ एक बार 1993 में जीत मिली थी । इसके बाद से 31 साल हो गए पार्टी जीत को तरस रही है ।