क्या लड़की का कपड़ा उतारना भी माना जाएगा दुष्कर्म? इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया ये जवाब

Edited By Anil Kapoor,Updated: 02 Jul, 2025 09:54 AM

attempt to rape is not just intercourse taking off clothes is also a crime

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर कोई आरोपी किसी महिला के कपड़े उतारता है और विरोध के चलते संबंध नहीं बना पाता, तब भी यह बलात्कार की कोशिश (रेप अटेम्प्ट) मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में आरोपी पर भारतीय...

Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर कोई आरोपी किसी महिला के कपड़े उतारता है और विरोध के चलते संबंध नहीं बना पाता, तब भी यह बलात्कार की कोशिश (रेप अटेम्प्ट) मानी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में आरोपी पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376 के साथ 511 के तहत मुकदमा चलाना सही है।

किस मामले में आया यह फैसला?
मिली जानकारी के मुताबिक, यह फैसला न्यायमूर्ति रजनीश कुमार की एकल पीठ ने प्रदीप कुमार उर्फ पप्पू उर्फ भूरिया के केस में सुनाया। आरोपी ने साल 2004 में एक 16-18 साल की लड़की का अपहरण किया था और उसे करीब 20 दिन तक बंधक बनाकर रखा था। इस दौरान आरोपी ने पीड़िता के कपड़े उतारे और रेप की कोशिश की, लेकिन पीड़िता के विरोध के चलते वह रेप नहीं कर पाया।

कोर्ट ने क्यों ठहराया दोषी?
पीड़िता ने मजिस्ट्रेट और ट्रायल कोर्ट दोनों के सामने साफ कहा कि आरोपी ने उसके कपड़े उतारे और जबरदस्ती करने की कोशिश की थी। आरोपी ने लड़की को एक मारुति वैन से अगवा किया और रिश्तेदार के घर में कैद रखा। कोर्ट ने माना कि आरोपी ने लड़की का अपहरण शादी और शारीरिक संबंध बनाने के इरादे से किया था, जो गंभीर अपराध है।

सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का भी दिया गया हवाला
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट के कई पुराने फैसलों का हवाला दिया, जैसे: पंढरीनाथ बनाम महाराष्ट्र राज्य (2009), इसराइल बनाम उत्तर प्रदेश राज्य, इन मामलों में भी यही कहा गया था कि अगर आरोपी रेप के इरादे से कोई काम शुरू कर देता है जैसे कपड़े उतारना तो यह रेप के प्रयास की श्रेणी में आता है, भले ही संबंध बना ना पाया हो।

दुश्मनी का बहाना नहीं चला
आरोपी ने कोर्ट में कहा कि उसे झूठा फंसाया गया है क्योंकि परिवार से दुश्मनी थी। लेकिन कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया, क्योंकि आरोपी इसके पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं दे सका।

आरोपी की सजा बरकरार
कोर्ट ने आरोपी प्रदीप कुमार को धारा 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए अपहरण), 376/511 (बलात्कार की कोशिश), और 354 (शारीरिक शोषण) के तहत दोषी ठहराया। उसे 10 साल की सजा पहले ही दी जा चुकी थी, जिसे कोर्ट ने बरकरार रखा और उसकी अपील खारिज कर दी।

पहले दिया था उल्टा बयान
मार्च 2024 में एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने कहा था कि केवल कपड़े उतारने या छूने से रेप का अपराध नहीं बनता। लेकिन इस बार कोर्ट ने साफ कर दिया कि अगर कपड़े उतारे जाते हैं और इरादा रेप का है, तो उसे रेप का प्रयास माना जाएगा।

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