Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 02 Aug, 2020 05:19 PM
जिस ह्रदय में रामभक्ति हो उसके लिए दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं होता है। श्रृंगवेरपुर से 5 अगस्त को राम मंदिर शिलान्यास के लिए गंगाजल और मिट्टी लेकर दो...
प्रयागराजः जिस ह्रदय में रामभक्ति हो उसके लिए दुनिया में कोई भी काम असंभव नहीं होता है। श्रृंगवेरपुर से 5 अगस्त को राम मंदिर शिलान्यास के लिए गंगाजल और मिट्टी लेकर दो श्रद्धालू 200 किलोमीटर पैदल ही निकल पड़े हैं।
बता दें कि शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर श्रृंगवेरपुर धाम से दो श्रद्धालु गंगा जी के जल और मिट्टी को लेकर पैदल ही अयोध्या के लिए रवाना हो चुके हैं , जहां लोग उन्हें पैदल आते देख माला फूल पहना कर पैदल जा रहे हैं श्रद्धालु का स्वागत कर रहे हैं ।
5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के शिलान्यास के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में कोराना का प्रकोप भी चल रहा है जिसके लिए प्रशासन भी तैयार हैं और अयोध्या में ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए सीमित लोगों को ही परमीशन देने की तैयारी है।
श्रृंगवेरपुर का अपना एक अलग महत्व है जिसका वर्णन रामायण और रामचरितमानस दोनों में ही मिलता है श्रृंगवेरपुर निषादराज की धरती है जो भगवान श्री राम के मित्र और सहपाठी रहे हैं। साथ ही यह वही श्रृंगवेरपुर है जहां वनवास जाते समय भगवान श्री राम मां जानकी और लक्ष्मण के साथ यहां पहुंचे थे और यहां से ही वह गंगा नदी को पार करके आगे की ओर रवाना हुए थे। यहीं पर श्रृंगी ऋषि का आश्रम है जिन्होंने राजा दशरथ जी के अनुरोध पर पुत्रेष्ठि यज्ञ किया इसके बाद भगवान श्री राम सहित चारों भाइयों का प्राकट्य हुआ था।