Edited By Purnima Singh,Updated: 28 Jun, 2025 05:28 PM

उत्तर प्रदेश के मेरठ में नकली नोटों का धंधा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यहां पर तीन दोस्तों से जाली करेंसी देने के बदले 10 लाख 40 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोपी ऊपर-नीचे असली और बीच में रद्दी लगाकर गड्डियां देते थे......
Meerut News: उत्तर प्रदेश के मेरठ में नकली नोटों का धंधा करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। यहां पर तीन दोस्तों से जाली करेंसी देने के बदले 10 लाख 40 हजार रुपये ठग लिए गए। आरोपी ऊपर-नीचे असली और बीच में रद्दी लगाकर गड्डियां देते थे। पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए सरगना हेडकांस्टेबल समेत चार शातिरों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं तीन आरोपी फरार चल रहे हैं।
ऐसे फंसे जाल में...
जानकारी के मुताबिक, मुरादाबाद निवासी आलम और नदीम नय्यर उर्फ नदीम तीनों महाराष्ट्र व तेलंगाना में कपड़े व कॉस्मेटिक के सामान की फेरी करते थे। दो साल पहले उनकी मुलाकात मेरठ के रहने वाले अतीकुर्रहमान से हो गई। अतीकुर्रहमान ने बताया कि उसकी पहचान जावेद निवासी शामली व मोहसिन निवासी मेरठ से है। वे नकली करेंसी बाजार में खपाने का काम करते है और वे एक लाख रुपये के बदले तीन लाख रुपये के नकली नोट देते है। जब ईद का त्योहार था तो ये दोनों दोस्त अतीकुर्रहमान के साथ उसके घर चले गए। वहां पर उनकी मुताकात जावेद से हुई।
दो पुलिसकर्मी बैग लेकर हुए फरार
जावेद ने इन दोस्तों को 100, 200 और 500 रुपये के जाली नोटों की गड्डी दिखाते हुए कम से कम पांच लाख रुपये बदलने की शर्त रख दी। 20 हजार रुपये एडवांस तथा ऑनलाइन से 20 हजार रुपये भेजे। 18 मई को तीनों लोग 500-500 नोट के दस लाख रुपये लेकर बेगमपुल पहुंचे। यहां अतीकुर्रहमान के माध्यम से जावेद ने सलीम को नकली नोटों से भरा बैग लेकर बुलाया। इन लोगों ने जैसे ही बैग बदले पुलिस की गाड़ी में सवार दो पुलिसकर्मी निकले और रिवाल्वर के दम पर दोनों बैग ले गए। इसकी जानकारी पुलिस को दी गई।
हेडकांस्टेबल निलंबित
गुरुवार को इस नकली नोट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया गया। गिरोह के सरगना हेडकांस्टेबल इमरान निवासी मुजफ्फरनगर, उसके साले वसीम, सलीम, हासिम निवासी मेरठ को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से लग्जरी कार, 500 के नोट ऊपर नीचे कागज बीच में लगी 18 गड्डी, व ऐसे ही 200 रुपये की 19 गड्डी बरामद हुई। अतीकुर्रहमान, जावेद, मोहसिन भाग निकले। चारों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। हेडकांस्टेबल इमरान गाजियाबाद में तैनात था, वे कई लोगों को अपना निशाना बना चुका है। उस पर कार्रवाई करते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है।