Edited By Purnima Singh,Updated: 27 Jun, 2025 04:59 PM

पहलगाम हमले के जवाब में भारत की तरफ से किए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत सरकार अलर्ट पर है। देश के अलग-अलग राज्यों से पाकिस्तानी जासूसों को पकड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली से एक पाकिस्तानी जासूस को पकड़ा गया है......
UP Desk : पहलगाम हमले के जवाब में भारत की तरफ से किए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत सरकार अलर्ट पर है। देश के अलग-अलग राज्यों से पाकिस्तानी जासूसों को पकड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में दिल्ली से एक पाकिस्तानी जासूस को पकड़ा गया है। राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने बुधवार को दिल्ली स्थित नौसेना भवन के एक अपर डिविजन क्लर्क को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि विशाल यादव नामक नौसेना क्लर्क पाकिस्तानी को ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दे रहा था। जब भारतीय सेना पाकिस्तान के घर में घुसकर उसकी छाती को छलनी कर रही थी, तब दिल्ली में बैठा विशाल देश की पीठ में छूरा घोंप रहा था।
प्रिया को भेजता था भारत की जानकारी
हरियाणा निवासी विशाल नौसेना भवन में डायरेक्टरेट ऑफ डॉकयार्ड में कार्यरत है। विशाल यादव सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी की एक महिला हैंडलर प्रिया के लगातार संपर्क में था। पैसों के लालच में विशाल नौसेना भवन से गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलर को दे रहा था। विशाल के फोन में चैट से कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। बता दें कि विशाल से जयपुर में पूछताछ की जा रही है।
ऑनलाइन गेमिंग का आदी था विशाल
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विशाल यादव ऑनलाइन गेमिंग का आदी था और अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए उसने रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां पाकिस्तान की एक महिला एजेंट को देनी शुरू कर दी थी। बदले में उसे क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) और बैंक खातों के जरिए पैसे मिलते थे।
पहलगाम हमले के बाद से कार्रवाई जारी
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से ही संदिग्ध पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हाल के दिनों में सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से संपर्क बनाए रखने के आरोप में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। राजस्थान में शकूर खान नामक सरकारी कर्मचारी को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में जैसलमेर में हिरासत में लिया गया। सबसे बड़ी गिरफ्तारी हरियाणा की ज्योति मल्होत्रा के रूप में हुई। एजेंसियों का दावा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वह नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में थी।