Edited By Mamta Yadav,Updated: 26 May, 2023 01:20 AM

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुरूवार को निर्बाध बिजली आपूर्ति (Uninterrupted power supply) को लेकर सभी मंडलायुक्तों (Divisional Commissioners) और जिलाधिकारियों (District Magistrates) को निर्देश...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुरूवार को निर्बाध बिजली आपूर्ति (Uninterrupted power supply) को लेकर सभी मंडलायुक्तों (Divisional Commissioners) और जिलाधिकारियों (District Magistrates) को निर्देश दिये हैं कि बिजली आपूर्ति (power supply) को लेकर अधिकारी प्रतिदिन मॉनीटरिंग (Monitoring) करेंगे। अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता (Mahesh Kumar Gupta) की ओर से जारी दिशानिर्देश में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी हर रोज इस बात को जांचेंगे कि उनके मंडल और जिलों में पर्याप्त मात्रा में ट्रांस्फार्मर और केबल उपलब्ध हैं या नहीं। इसके अलावा जनता की ओर से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से हो रहा है या नहीं इसकी भी मॉनीटरिंग हर रोज की जाएगी।

शासन की ओर से जानकारी दी गई है कि प्रदेश नें गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग बढ़ रही है। दो दिन ने पहले ही इस साल बिजली की सर्वाधिक मांग 26,166 मेगावाट पहुंच गई थी। जनसामान्य तो तथा अन्य वाणिज्यिक और औद्दोगिक उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली अपूर्ति उपलब्धि होती रहे। यह सुनिश्चित करने के लिए मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार जनपद और मंडल स्तर पर प्रतिदिन समाक्षा कर ली जाए कि बिजली अपूर्ति रोस्टर के अनुसार हो रही है या नहीं। बिजली की शिकायतों के लिए पॉवर कॉरपोरेशन के टोल फ्री नंबर 1912 पर जनता द्वारा दर्ज शिकायतों का समय से निस्तारण हो रहा है या नहीं। स्टोर में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक केबल, ट्रान्सफार्मर या अन्य सामग्री उपलब्ध है या नहीं। यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपद स्तर पर रोस्टर का कड़ाई से पालन हो रहा है या नहीं।

शासन की ओर से यह स्पष्ट किया गया है कि बिजली अपूर्ति के बारे में नियमित रूप से जप्रतिनिधियों एवं अन्य स्रोतों से फीडबैक ले लिया जाए और उसके आधार पर समुचित कदम उठाए जाएं। यदि कहीं कोई रिपेयर वर्क है या अन्य किसी कारणों से नियोजित शटडाउन लेने की आवश्यकता हो तो उसका समय से व्यापक प्रचार-प्रसार करा दिया जाए। समाचार-पत्रों में बिजली अपूर्ति के संबंध में जब भी कोई समाचार प्रकाशित होता है तो उसे तत्कालीन दिखवा लिया जाए और उसके बारे में मीडिया की सही ब्रीफिंग करा दी जाए।