मस्ती में ऑटो चला रहा था युवक, भाषा सुन चौंकी पुलिस, पूछा-कौन हो? नाम सुनते ही उड़ गए होश; दौड़े-दौड़े पहुंचे आलाधिकारी

Edited By Purnima Singh,Updated: 22 May, 2025 06:41 PM

the young man was driving the auto for fun

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के शुक्लागंज के मनोहर नगर में आठ साल से अवैध तरीके से परिवार के साथ रहा रहे रोहिंग्या को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कानपुर के बड़ा चौराहा पर वाहनों की चेकिंग चल रही थी.......

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के शुक्लागंज के मनोहर नगर में आठ साल से अवैध तरीके से परिवार के साथ रहा रहे रोहिंग्या को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। कानपुर के बड़ा चौराहा पर वाहनों की चेकिंग चल रही थी। इसी दौरान ऑटो चालक मो. साहिल को रोका गया। उससे ऑटो के कागजात मांगे गए। चौराहे से चेकिंग के दौरान मो. साहिल को हिरासत में लिया गया है। यह व्यक्ति यहां रहकर ऑटो चला रहा था। चेकिंग के दौरान पुलिस को उसके चेहरे और भाषा को देखकर शक हुआ। जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर पुलिस उसे कोतवाली ले गई और पूछताछ की। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो वह टूट गया और सारा सच उगल दिया। उसने बताया कि वह म्यांमार कर रहने वाला है और बांग्लादेश से होते हुए भारत पहुंचा है। बांग्लादेश के डिटेंशन सेंटर में भी वह तीन साल रहा है। 

तफ्सील से जानें पूरा मामला 
पुलिस को तलाशी में उसके पास से आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस मिला है। पुलिस ने उसके आधार और डीएल की भी चेकिंग की है। भारत का नागरिक न होने के बावजूद आधार कार्ड और डीएल मिलने के बाद पुलिस ने अब उनकी भी तलाश शुरू कर दी है जिन्होंने इसे संरक्षण दिया था। पुलिस ने उसके घर पर भी छापा मारा लेकिन यहां कोई दस्तावेज नहीं मिला। 

परिवार के 10 लोग डाले थे डेरा
बता दें कि शुक्लागंज के मनोहर नगर में मो. साहिल की बहन अपने पति और बच्चों के साथ रहती थी। मो. साहिल ने अपने बहन बहनोई की मदद से फर्जी आधार कार्ड बनवाया। फिर डीएल बनवा कर ऑटो चलाने लगा। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस उसे उसके घर ले गई लेकिन पुलिस को मौके पर बहन बहनोई नहीं मिले। पुलिस को जानकारी मिली है कि यहां उसकी बहन और उसके परिवार को मिलाकर करीब 10 लोग रहते हैं। 

बताया कैसे आया सीमा पार
इस मामले की जांच कर रही पुलिस को मो. साहिल ने बताया कि वह मूल रूप से ग्राम शिद्दर फरा कयंम डेंग, मंगडो शहर (आईकब), साइडुय, म्यांमार का निवासी है। वर्तमान में वह मनोहर नगर पानी टंकी के पास शुक्लागंज उन्नाव में परिवार के साथ रहता है। सन 2013-14 में वह म्यांमार से बांग्लादेश में शरण लेने के लिए परिवार के साथ निकला। पानी के रास्ते नांव में बैठकर वह अपने परिवार के साथ असोम पहुंचा। उसके साथ 18 से 20 लोग और थे। गुवाहाटी असोम से ट्रेन में बैठकर वह कानपुर सेंट्रल पहुंचा था। वह 2017-18 में कानपुर आया था। उसने बताया कि बांग्लादेश बॉर्डर पार कराने का काम ऑटो वाले बाखूबी करते हैं। एक ऑटो वाले ने बांग्लादेश से असोम बार्डर पर प्रवेश कराने के लिए प्रति व्यक्ति 1200 रुपये लिए थे। मो. साहिल ने आगे बताया कि शरणार्थी कैंप में कुछ समय रहने के बाद लोग इसी तरह बार्डर पार कर भारत आ जाते हैं। 

पुलिस ने क्या कहा?
डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि एक रोहिंग्या को बड़ा चौराहा पर गिरफ्तार किया गया है। उसके पास आधार कार्ड और डीएल मिला है। उससे पूछताछ जारी है कि बिना वीजा और पासपोर्ट के वह भारत कैसे आया। 

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