Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Jul, 2023 05:11 PM

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक ...
लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और लखनऊ के शहर काजी मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने उच्चतम न्यायालय द्वारा सोमवार को ज्ञानवापी परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण पर रोक लगाए जाने का स्वागत किया। मौलाना खालिद रशीद ने यहां एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वे कराए जाने पर जो रोक लगाई है, उसका वह स्वागत करते हैं।

उन्होंने उम्मीद जताई कि मुस्लिम पक्ष उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार जल्द ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय में इस सिलसिले में याचिका दायर करेगा। उम्मीद है कि हाईकोर्ट में उसकी बात सुनी जाएगी और कानून के मुताबिक फैसला होगा। शहर काजी ने जोर देकर कहा, "कोई भी मुसलमान किसी की इबादतगाह को गिराकर या किसी की जमीन पर कब्जा करके मस्जिद नहीं बनाता है और ना ही बनाई जा सकती है, इसलिए मस्जिदों के सिलसिले में बार-बार यह दावा करना कि उसे किसी दूसरी इबादतगाह को गिरा कर बनाया गया है, यह सरासर गलत है और यह सिलसिला अब रुकना चाहिए।"

उच्चतम न्यायालय ने वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वेक्षण पर आगामी 26 जुलाई तक के लिए रोक लगा दी है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को निर्देश दिए हैं कि वह इस मामले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल करे। वाराणसी की जिला अदालत ने पिछली 21 जुलाई को इस सर्वे की अनुमति दी थी। एएसआई की टीम ने आज सुबह ही ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया था।