कोर्ट परिसर में कुख्यात अपराधी संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या, गुस्साए वकीलों ने जमकर काटा हंगामा

Edited By Ramkesh,Updated: 07 Jun, 2023 06:32 PM

notorious criminal sanjeev jeeva shot dead in court premises

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ के सिविल कोर्ट में बदमाशों ने गोलीमार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद सिविल कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी मौके से फरार होने की फिराक में थे लेकिन कोर्ट में मौजूद...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्म दत्त हत्याकांड के आरोपी संजीव जीवा की लखनऊ के सिविल कोर्ट में बदमाशों ने गोलीमार कर हत्या कर दी। हत्या के बाद सिविल कोर्ट परिसर में हड़कंप मच गया। आरोपी मौके से फरार होने की फिराक में थे लेकिन कोर्ट में मौजूद लोगों ने एक आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना पांच लोग घायल हैं। फिलहाल पुलिस ने सभी को जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया है। घटना में पुलिस कर्मी भी घायल बताए जा रहे है। घटना से नाराज वकीलों ने कोर्ट परिसर जमकर हंगामा काटा। हंगामे को देखते हुए पुलिस वकीलों को समझाने में जुटी है।

PunjabKesari

बता दें कि कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का पश्चिमी यूपी के कई जिलों में खौफ था। जीवा मुजफ्फरनगर का रहने वाला है। शुरुआती दिनों में वह एक दवाखाना संचालक के यहां कंपाउंडर के नौकरी करता था। इसी नौकरी के दौरान जीवा ने अपने मालिक यानी दवाखाना संचालक को ही अगवा कर लिया था। इस घटना के बाद उसने 90 के दशक में कोलकाता के एक कारोबारी के बेटे का भी अपहरण किया और फिरौती दो करोड़ की मांगी थी। उस वक्त किसी से दो करोड़ की फिरौती की मांग की थी। इसके बाद जीवा हरिद्वार की नाजिम गैंग में घुसा और फिर सतेंद्र बरनाला के साथ जुड़ा लेकिन उसके अंदर अपनी गैंग बनाने की तड़प थी।

PunjabKesari

आरोपी का नाम 10 फरवरी 1997 को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रम्ह दत्त द्विवेदी की हत्या में सामने आया। जिसमें बाद में संजीव जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिर जीवा थोड़े दिनों बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में घुस गया और इसी क्रम में उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने के तिकड़मी नेटवर्क था। इसी कारण उसे अंसारी का वरदहस्त भी प्राप्त हुआ और फिर संजीव जीवा का नाम कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी आया। हालांकि, कुछ सालों बाद मुख्तार और जीवा को साल 2005 में हुए कृष्णानंद राय हत्याकांड में कोर्ट ने बरी कर दिया था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर 22 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से 17 मामलों में संजीव बरी हो चुका है, जबकि उसकी गैंग में 35 से ज्यादा सदस्य हैं। वहीं, संजीव पर जेल से भी गैंग ऑपरेट करने के आरोप लगते रहे हैं। हाल ही में उसकी संपत्ति भी प्रशासन द्वारा कुर्क की गई थी। फिलहाल कोर्ट परिसर में बदशाम की गोली मारकर हत्या करने से उत्तर प्रदेश प्रदेश की कानून व्यवस्थ पर बड़ा सवाल उठ रहे है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!