कानपुर में अंगद पांव बनीं DVVNL की महिला X.EN नेहा सिंह... तबादला हुआ, आदेश भी निकला, मगर मैडम हैं कि कुर्सी छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहीं !

Edited By Mamta Yadav,Updated: 10 Jun, 2025 03:48 PM

neha singh the female xen of dvvnl became angad paav in kanpur

अगर आपको सरकारी तंत्र में रसूख का असली नज़ारा देखना है तो दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL), कानपुर स्टोर विभाग की ओर रुख कीजिए। यहां एक महिला एक्सईएन (X.EN) अपने तबादले के बावजूद ऐसी अंगद पांव जमाकर बैठी हैं कि शासन का आदेश भी बेबस नजर...

Kanpur News, (प्रांजुल मिश्रा): अगर आपको सरकारी तंत्र में रसूख का असली नज़ारा देखना है तो दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL), कानपुर स्टोर विभाग की ओर रुख कीजिए। यहां एक महिला एक्सईएन (X.EN) अपने तबादले के बावजूद ऐसी अंगद पांव जमाकर बैठी हैं कि शासन का आदेश भी बेबस नजर आ रहा है। मैडम का तबादला आदेश कंप्यूटर रूम एमडी ऑफिस, आगरा के लिए जारी हो चुका है.. वहीं आगरा जो कानपुर से मीलों दूर है। लेकिन X.En मैडम को तो जैसे कानपुर की मिट्टी से प्रेम है, कुर्सी से मोह है और सिस्टम पर भरोसा नहीं, तभी तो उन्होंने तबादले के आदेशों को "नम्रतापूर्वक नज़रअंदाज़" कर दिया है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के कानपुर स्टोर डिपार्टमेंट में पदस्थ महिला X.EN (एक्सेक्यूटिव इंजीनियर) नेहा सिंह इन दिनों विभाग में चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नेहा सिंह का तबादला कानपुर से कंप्यूटर रूम एमडी ऑफिस, आगरा के लिए किया जा चुका है। लेकिन तबादले के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए वह अब भी कानपुर स्टोर पर जमी हुई हैं। विभाग के नियमों और शासन की तबादला नीति की स्पष्ट अवहेलना करते हुए, वह अभी भी पूर्व पद पर कार्यरत हैं, जिससे पूरे विभाग में असमंजस और असंतोष का माहौल बना है।

रसूख का असर या सिस्टम की कमजोरी...?
नेहा सिंह का इस तरह आदेशों की अनदेखी कर विभागीय कुर्सी से चिपके रहना कई बड़े सवाल खड़े करता है। क्या यह व्यक्तिगत रसूख का परिणाम है या फिर सिस्टम में मौजूद खामियों का फायदा उठाया जा रहा है..? विभाग के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि नेहा सिंह की कार्यशैली से कई कर्मचारी असहज महसूस करते हैं।

शासन की तबादला नीति को ठेंगा दिखाया
कहते हैं कि सरकारी आदेशों का पालन हर कर्मचारी का धर्म होता है। लेकिन मैडम नेहा सिंह का अलग ही धर्म है  "जो कुर्सी पर बैठा, वही राजा!" तबादला तो एक औपचारिकता है, असली ताकत तो रसूख में है। और नेहा सिंह ने यह बात साबित कर दी है। शासन ने सख्त तबादला नीति बनाई, पारदर्शिता के दावे किए गए, पर नेहा सिंह ने उसे ऐसा चुनौती दी जैसे बच्चों का खेल हो। विभागीय फाइलें कहती हैं कि तबादला हो चुका, लेकिन ग्राउंड रियलिटी बताती है कि मैडम अब भी कानपुर में स्टोर रूम की रानी बनी बैठी हैं।

'लिखत-पढ़त' में माहिर, व्यवहार में कठोर...?
कर्मचारियों के अनुसार, नेहा सिंह विभागीय कामकाज के नाम पर "लिखत-पढ़त" यानी नोटिस, चेतावनी समेत लिखापढ़ी जारी करने के लिए जानी जाती हैं। यही कारण है कि अधीनस्थ कर्मचारी उनके साथ काम करने में खुद को असहज महसूस करते हैं। एक जिम्मेदार ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि “स्टाफ अक्सर उनके व्यवहार से परेशान रहता है, लेकिन रसूख के चलते कोई खुलकर कुछ कह नहीं पाता।”

कर्मचारी बोले – “मैडम से बचके रहना”
सूत्रों की मानें तो विभाग में तैनात कर्मचारी खुद को पीड़ित महसूस करते हैं। मैडम की कलम ‘लिखत-पढ़त’ के नाम पर ऐसी चलती है कि स्टाफ अक्सर परेशान रहता है। चेतावनी पत्रों की बौछार और तीखी भाषा के चलते कई लोग खुलकर शिकायत तक नहीं कर पाते- आखिर किससे करें? जिनके तबादले पर भी विभाग चुप है, उनका क्या बिगड़ेगा?

विभाग मौन क्यों...?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब तबादला आदेश जारी हो चुका है, तो अब तक उन्हें कानपुर में कार्य करने की अनुमति कैसे दी जा रही है...? क्या विभागीय अधिकारी जानबूझकर आंखें मूंदे हुए हैं या फिर रसूख के आगे सभी बेबस हैं..? शासन द्वारा बार-बार तबादला नीति को सख्ती से लागू करने की बात की जाती है, लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से वह नीति ताक पर रख दी गई है।

क्या होगी कार्रवाई...?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या विभाग और शासन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई करते हैं या फिर यह उदाहरण भी अन्य रसूखदार अधिकारियों के लिए एक मिसाल बन जाएगा। यदि एक महिला X.EN शासन के स्पष्ट आदेशों की धज्जियां उड़ाकर अपने पद पर जमी रह सकती हैं, तो बाकी अधिकारियों को क्या संदेश जाएगा...? नेहा सिंह का तबादले के बाद भी कानपुर में पद पर बने रहना न सिर्फ विभागीय अनुशासन के खिलाफ है, बल्कि शासन की साख पर भी सवाल खड़े करता है। यदि अब भी कार्रवाई नहीं होती, तो यह पूरे सिस्टम की नाकामी को दर्शाएगा।

क्या बोले जिम्मेदार अधिकारी
वहीं इस विषय पर हमारे सवाददाता ने जब DVVNL में अधीक्षण अभियंता ( Superintending Engineer ) राकेश वार्ष्णेय से बात की तो उनका कहना हैं कि नेहा सिंह के स्थान पर दूसरे अधिकारी को तैनात होते ही उन्हें कानपुर से रिलीव कर दिया जायेगा।

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