फर्रुखाबाद में डॉक्टरों की लापरवाही अब मरीजों पर भारी, समय से इलाज न मिलने पर दो बच्चों की मौत

Edited By Pooja Gill,Updated: 22 Jun, 2023 04:44 PM

negligence of doctors in farrukhabad

UP News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में डॉक्टरों की लापरवाही अब मरीजों पर भारी पढ़ने लगी है। डॉ. राममनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल के पीकू वार्ड में तीन घंटे में दो मासूमों की जान चली गई। भर्ती होने के बाद डॉक्टर को बुलाने पर भी डॉक्टर ने आने से इन्कार...

UP News (दिलीप कुमार): उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में डॉक्टरों की लापरवाही अब मरीजों पर भारी पढ़ने लगी है। डॉ. राममनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल के पीकू वार्ड में तीन घंटे में दो मासूमों की जान चली गई। भर्ती होने के बाद डॉक्टर को बुलाने पर भी डॉक्टर ने आने से इन्कार कर दिया। वहीं मेरापुर क्षेत्र के गांव महसोना निवासी महिला को प्रसव के लिए कायमगंज सीएचसी में भर्ती कराया गया। अस्पताल में बिजली जाने के बाद जेनरेटर भी नहीं चलाया गया। डिलीवरी रूम में अंधेरा होने पर स्वास्थ्य कर्मियों ने महिला का टॉर्च की रोशनी में प्रसव करा दिया। लापरवाही यहीं तक सीमित नहीं रही, प्रसूता के तीन घंटे तक टांके भी नहीं लगाए गए। प्रसूताओं को अस्पताल में न तो नाश्ता दिया जाता है और न ही भोजन। इससे जननी सुरक्षा योजना का पूरा लाभ प्रसूताओं को नहीं पहुंच पाता।

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बता दें कि, टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराने का वीडियो उपमुख्यमंत्री को भेज दिया गया। इसका लखनऊ से संज्ञान लिया गया। वहां से फोन आते ही सीएमओ के हाथ-पांव फूल गए। सीएचसी कायमगंज में कई शिकायतें आने पर तीन माह पूर्व सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने अधीक्षक डॉ. सरवर इकबाल का स्थानांतरण सिविल अस्पताल लिंजीगंज के लिए कर दिया था। इसके बावजूद अधीक्षक ने सीएचसी कायमगंज का चार्ज नहीं छोड़ा। आखिरकार सीएमओ ने स्थानांतरण आदेश ही निरस्त कर दिया। इससे अधीक्षक कायमगंज सीएचसी में ही डटे हैं। सीएमओ ने जांच कर सीएचसी अधीक्षक डॉ सर्वर इकबाल सिद्दीकी को हटाया है।

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समय से इलाज न मिलने पर बच्चे की मौत
बच्चो की मौत के मामले में डीएम के आदेश पर एसीएमओ की अगुवाई में बनी जांच टीम ने जिम्मेदारों के बयान दर्ज किए। शहर के मोहल्ला अंडियाना निवासी रामतीर्थ कश्यप की पत्नी पूनम कश्यप के आठ महीने के पुत्र कृष्णा की मंगलवार शाम हालत बिगड़ गई। वह करीब साढ़े 7 बजे लोहिया अस्पताल बच्चे को लेकर पहुंचीं। इमरजेंसी में उस समय डॉक्टर न मिलने से वह बैठ गईं। 8:45 बजे ईएमओ डॉ. अमिताभ चौहान पहुंचे। उन्होंने मरीज को भर्ती कर कागजात बनाकर पीकू वार्ड में ट्रांसफर कर दिया। बच्चे की हालत लगातार बिगड़ती गई। पीकू के कर्मियों ने बालरोग विशेषज्ञ डॉ. कैलाश दुल्हानी के आवास पर लिखित में कॉल भेजी। पड़ोस के विनय भी कर्मचारी के साथ गए, मगर उन्होंने दरवाजे नहीं खोले। इसके बाद पीकू कर्मी ने सीएमएस डॉ. राजकुमार गुप्त को फोन पर सूचना दी। उन्होंने बालरोग विशेषज्ञ डॉ. विवेक सक्सेना व डॉ. हरेंद्र चौहान को फोन करके बुलाने की बात कह दी। डॉ. विवेक ने फोन रिसीव नहीं किया। डॉ. हरेंद्र ने ड्यूटी पर न होने की बात कह दी। इसी दौरान परिजनों ने डीएम को फोन कर जानकारी दी। करीब साढ़े 10 बजे बच्चे की सांसें थम गईं। मां व परिजन रोते रहे।

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डॉक्टरों की लापरवाही से हुई 4 माह की बच्ची की मौत
मैनपुरी के भोगांव निवासी दीपू की पत्नी शिवानी अपनी चार महीने की बेटी खुशी के साथ कुछ दिन पहले नेकपुर चौरासी स्थित मायके आई थीं। शाम को वह पांचाल घाट निवासी अपनी बहन किरण के घर गईं। वहां दूध पिलाते वक्त अचानक बच्ची की हालत बिगड़ गई। साढ़े 9 बजे वह बच्चे को लेकर लोहिया अस्पताल पहुंचीं। इमरजेंसी में लिखापढ़ी के बाद बच्ची को पीकू वार्ड ले जाया गया। कुछ ही देर में बच्ची की सांसें थम गईं। शिवानी ने बताया कि पीकू वार्ड में डॉक्टर नहीं थे। नर्स ने उसे कोई दवा तक नहीं दी। यहां तक ऑक्सीजन भी उपलब्ध नहीं कराई। करीब तीन घंटे में दो बच्चों की मौत से डॉक्टरों की लापरवाही उजागर हो गई।

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