Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 May, 2023 11:57 PM

उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड (UP Shia Central Waqf Board) ने लखनऊ (Lucknow) की एक वक़्फ़ संपत्ति (Waqf Land) को माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पत्नी (Wife) को अवैध रूप से बेचने के मामले में मंगलवार को एक वक़्फ़ निरीक्षक (Waqf...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड (UP Shia Central Waqf Board) ने लखनऊ (Lucknow) की एक वक़्फ़ संपत्ति (Waqf Land) को माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की पत्नी (Wife) को अवैध रूप से बेचने के मामले में मंगलवार को एक वक़्फ़ निरीक्षक (Waqf inspector) को निलंबित (Suspend) कर दिया। बोर्ड इस मामले में मुख्तार अंसारी की पत्नी तथा संबंधित अन्य लोगों को नोटिस भेजेगा।

बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने बताया कि लखनऊ के सआदतगंज थाना क्षेत्र स्थित वक़्फ़ दरोग़ा मीर वाजिद अली की एक जमीन 25 अप्रैल 2013 को माफिया-नेता मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी को अवैध रूप से बेची गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए वक्फ़ निरीक्षक मुंतज़िर महदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी और संबंधित जमीन के बेचने वाले नजमुल हसन तथा संबंधित अन्य लोगों को बुधवार को नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नोटिस में उनसे पूछा जाएगा कि आखिर बेचने वाले ने किस अधिकार से उस जमीन को बेचा और खरीदार ने बिना जांचे-परखे उसे कैसे खरीद लिया।
जैदी ने बताया कि दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए 15 दिन का वक्त दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद वक्फ अधिनियम की धारा 52 के तहत कार्यवाही करके जिला प्रशासन से गुजारिश की जाएगी कि वह उस जमीन पर वक्फ बोर्ड को कब्जा दिलाए। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी विभिन्न आपराधिक मामलों में जेल में बंद है। वहीं, उसकी पत्नी अफशां अंसारी फरार है। जैदी ने बताया कि वक़्फ़ दरोग़ा मीर वाजिद अली में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामले में मुतवल्ली अब्बास अमीर को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि वक़्फ दरोग़ा मीर वाजिद अली की ही थाना हसनगंज स्थित अनूप गोयल और नंदकिशोर वर्मा नामक व्यक्तियों की एक निजी संपत्ति को जालसाज़ी से वक़्फ़ अभिलेखों में दर्ज कर लिया गया था। उन्होंने बताया कि मामला सामने आने पर उन्हें बोर्ड के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है, साथ ही इस कार्यवाही के बारे में लखनऊ के जिलाधिकारी को भी सूचित कर दिया गया है।