Edited By Pooja Gill,Updated: 16 Dec, 2025 09:06 AM

केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। सरकार मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून...
Viksit Bharat Ji Ram Ji Scheme: केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है। सरकार मौजूदा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून की जगह एक नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने पर काम कर रही है। यह बदलाव सरकार के विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के तहत किया जा रहा है।
क्या-क्या होंगे बदलाव?
नई योजना में सिर्फ नाम ही नहीं बदलेगा, बल्कि काम के दिन, मजदूरी भुगतान और फंडिंग सिस्टम में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसी वजह से गांवों में रहने वाले लाखों परिवार यह जानना चाहते हैं कि नई योजना उनके लिए क्या नया लेकर आएगी।
नई योजना का नाम
सरकार जो नया कानून लाने जा रही है, उसका नाम 'Viksit Bharat Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission Gramin Bill 2025 रखा गया है। इसे VB G RAM G बिल कहा जा रहा है। यह कानून लागू होने के बाद मौजूदा मनरेगा की जगह ले लेगा।
काम के दिनों में बढ़ोतरी
बता दें कि पहले इसका नाम पुज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना रखने की चर्चा थी, लेकिन अब इसे विकसित भारत जी राम जी योजना कहा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, नई योजना में ग्रामीण परिवारों को मिलने वाले गारंटीड रोजगार के दिन 100 से बढ़ाकर 125 दिन किए जा सकते हैं। सरकार का मानना है कि इससे गांवों में लोगों की आमदनी बढ़ेगी और रोजगार के मौके ज्यादा मिलेंगे।
पेमेंट सिस्टम होगा तेज और आसान
नई योजना में मजदूरी भुगतान को लेकर भी बड़ा बदलाव प्रस्तावित है। अभी मनरेगा में भुगतान 15 दिनों के भीतर किया जाता है, लेकिन नए कानून में हफ्ते में एक बार (वीकली पेमेंट) मजदूरी देने की व्यवस्था हो सकती है। इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति को 15 दिनों तक काम नहीं मिलता, तो उसे बेरोजगारी भत्ता देने का भी प्रावधान होगा।
फंडिंग पैटर्न में भी बदलाव
नई योजना में खर्च का बोझ सिर्फ केंद्र सरकार पर नहीं रहेगा। अब राज्यों को भी इसमें हिस्सा देना होगा। कुछ राज्यों में 90% खर्च केंद्र और 10% राज्य उठाएंगे। अन्य राज्यों में 60% केंद्र और 40% राज्य खर्च वहन करेंगे। इस बदलाव से राज्यों की जिम्मेदारी और भूमिका दोनों बढ़ जाएंगी। सरकार का कहना है कि इस नई योजना का मकसद सिर्फ मजदूरी देना नहीं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ाना है।