Edited By Mamta Yadav,Updated: 17 Feb, 2025 03:04 PM

उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही बसपा प्रमुख मायावती एक बार फिर एक्टिव हो चुकी हैं उससे यह लगने लगा है कि वह बहुजन समाज पार्टी को एक बार फिर नये सिरे से नई लीडरशिप में लांच करने की तैयारी में हैं। इसमें इशान का नाम...
UP Politics: उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष कर रही बसपा प्रमुख मायावती एक बार फिर एक्टिव हो चुकी हैं उससे यह लगने लगा है कि वह बहुजन समाज पार्टी को एक बार फिर नये सिरे से नई लीडरशिप में लांच करने की तैयारी में हैं। इसमें ईशान आनंद का नाम एक बार फिर चर्चा में आ गया है।
मायावती ने भतीजे ईशान को बसपा के राजनैतिक क्षितिज पर उतारा
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की करारी हार के बाद मायावती को इस बात का अहसास हो चला है कि तेज तर्रार लीडरशिप के बगैर वह उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का सामना नहीं कर पाएंगी। शायद इसीलिए उन्होंने अपने छोटे भतीजे इशान आनंद को इंट्रोड्यूस किया है। साल 2025 की शुरुआत से ही इस बात के संकेत मिलने लगे थे कि मायावती के मन में बहुजन मिशन को लेकर कोई नई खिचड़ी पकने लगी है जब उन्होंने अपने दूसरे भतीजे ईशान को बसपा के राजनैतिक क्षितिज पर उतारा। बहुजन समाज पार्टी का राजनैतिक ग्राफ जिस तेजी से सिकुड़ रहा है उसने इस बात को और मजबूती प्रदान की।
कौन हैं ईशान आनंद जिन पर मायावती की नजर
गौरतलब है कि ईशान आनंद मायावती के भाई आनंद कुमार के छोटे बेटे हैं। उन्होंने लंदन की यूनिवर्सिटी ऑफ वेस्टमिंस्टर से कानून की पढ़ाई की है। 26 साल के ईशान पहली बार बीएसपी की मीटिंग में जनवरी में दिखे थे। मायावती ने खुद उनका परिचय कराया था और कहा था कि ये ईशान हैं, दिल्ली से पढ़ाई करके लौटे हैं। मायावती ने यह भी कहा था कि फिलहाल, वह अपने पिता के कारोबार में हाथ बंटा रहे हैं। हालांकि, जिस तरह से मायावती ने उनका परिचय कराया था, उससे ऐसा माना जा रहा था कि आने वाले समय में वह ईशान को सियासत में लॉन्च कर सकती हैं।
दिल्ली चुनाव में हार के बाद एक्टिव हुई मायावती
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा की हार के बाद, मायावती ने 5 दिन पहले अपने समधी डॉ. अशोक सिद्धार्थ और पार्टी के एक और नेता नितिन सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। यह कार्रवाई पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण की गई थी। अब आकाश आनंद पर भी सख्ती की संभावना जताई जा रही है, क्योंकि दिल्ली चुनाव की जिम्मेदारी भी उन्हीं के हाथों में थी और पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था।