Loksabha Election 2024: एक नजर धौरहरा लोकसभा सीट पर, कुर्मी बाहुल्य सीट पर आसान नहीं रेखा की हैट्रिक रोकना ?

Edited By Imran,Updated: 02 Apr, 2024 01:48 PM

loksabha election 2024 a look at dhaurahra lok sabha seat

उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक धौरहरा लोकसभा सीट है। इस सीट का इतिहास 2008 से शुरू होता है। जो जिला लखीमपुर खीरी और सीतापुर के कुछ हिस्सों को मिलाकर लोकसभा क्षेत्र बनाया गया है। साल 2009 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ था।

Loksabha Election 2024: उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में एक धौरहरा लोकसभा सीट है। इस सीट का इतिहास 2008 से शुरू होता है। जो जिला लखीमपुर खीरी और सीतापुर के कुछ हिस्सों को मिलाकर लोकसभा क्षेत्र बनाया गया है। साल 2009 में पहली बार इस सीट पर चुनाव हुआ था। जिसमें कांग्रेस नेता जितेंद्र प्रसाद के पुत्र जितिन प्रसाद इस सीट से जीत कर संसद पहुंचने वाले पहले सांसद बने थे। लेकिन साल 2014 के अगले ही चुनाव में जितिन प्रसाद हार गए थे।  बीजेपी की रेखा वर्मा ने मोदी लहर में यह सीट जीती थी। पिछले चुनाव साल 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन होने से यहां की लड़ाई दिलचस्प हो गई है। लेकिन फिर भी बीजेपी ने रेखा वर्मा पर ही दांव खेला है। जो दूसरी बार जीतकर संसद पहुंची थी।
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लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें
आपको बता दें कि इस लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल पांच सीटें आती है। जिसमें धौरहरा, कस्ता सुरक्षित, मोहम्मदी, महोली और हरगांव शामिल हैं। धौरहरा, कस्ता सुरक्षित और मोहम्मदी लखीमपुर खीरी जिले में आती है। जबकि महोली और हरगांव सुरक्षित सीतापुर जिले में आती है। 
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साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा क्षेत्र की सभी पांच सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। साल 2017 की तरह ही बीजेपी ने यहां सपा, बसपा और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलने दिया। हालांकि धौरहरा लोकसभा की अधिकांश विधानसभा सीटों पर सपा गठबंधन दूसरे नंबर पर रहा था। 

इस लोकसभा सीट पर कुल मतदाता
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अगर बात मतदाताओं की करें, तो इस लोकसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 16 लाख 34 हजार 417 है। जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 8 लाख 79 हजार 400 है। जबकि महिला मतदाता 7 लाख 54 हजार 920 हैं। वहीं ट्रांसजेंडर के कुल 97 मतदाता शामिल हैं।

एक नजर 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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धौरहरा सीट पर साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी प्रत्याशी रेखा वर्मा ने बसपा के अरशद इलियास सिद्दीकी को 1 लाख 60 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था।  रेखा वर्मा को कुल 5 लाख 12 हजार 905 वोट मिले थे। जबकि अरशद इलियास सिद्दीकी को 3 लाख 52 हजार 294 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के जितिन प्रसाद थे। जितिन प्रसाद को कुल एक लाख 62 हजार 856 वोट मिले थे।

एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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धौरहरा सीट पर साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें, तो इस सीट पर बीजेपी की रेखा वर्मा ने जितिन प्रसाद को बड़े अंतर से हराया था।  जितिन प्रसाद इस सीट से पहले सांसद थे। लेकिन साल 2014 में चौथे स्थान पर पहुंच गए थे। बीजेपी की रेखा वर्मा को कुल 3 लाख 60 हजार 357 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के दाउद अहमद थे। दाऊद को कुल 2 लाख 34 हजार 682 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर सपा के आनंद भदौरिया रहे थे। आनंद को कुल 2 लाख 34 हजार 32 वोट मिले थे। साल 2009 में इस सीट से सांसद बने जितिन प्रसाद को महज 16 फीसदी के साथ कुल 1 लाख 70 हजार 994 वोट ही मिले थे। 

एक नजर 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
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साल 2009 में धौरहरा लोकसभा सीट पर परिसीमन के बाद पहली बार चुनाव हुआ था। पहले चुनाव में कांग्रेस के जितिन प्रसाद ने जीते थे। जितिन प्रसाद को कुल 3 लाख 91 हजार 391 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर बसपा के राजेश कुमार सिंह रहे थे। राजेश को कुल 2 लाख 6 हजार 882 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर सपा के ओम प्रकाश रहे। ओम प्रकाश को कुल 1 लाख 2 हजार 898 वोट मिले थे। 

ये सीट कुर्मी, मुस्लिम और ब्राह्मण बहुल मानी जाती है
धौरहरा लोकसभा उत्तर प्रदेश की सीट नंबर- 29 है।  साल 2008 में परिसीमन के बाद बनी ये सीट कुर्मी, मुस्लिम और ब्राह्मण बहुल मानी जाती है... दलित, ओबीसी और ठाकुर बिरादरी यहां निर्णायक भूमिका में है। कुर्मी, अन्य ओबीसी और सवर्ण वोट बैंक की बदौलत एक दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है। कुर्मी बिरादरी की रेखा वर्मा इस सीट पर लगातार दूसरी बार बीजेपी से सांसद हैं। इस बार उनके पास अपनी जीत की हैट्रिक बनाने का मौका है। एक दशक से इस सीट पर काबिज बीजेपी के पास भी जीत की हैट्रिक बनाने का अवसर है। पिछले दो चुनाव में अगर जीत के अंतर को देखें तो लगता है कि बीजेपी यहां मजबूत है। पिछली लोकसभा चुनाव सपा और बसपा ने एक साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन इस सीट पर बीजेपी फिर भी एक लाख वोटों के बड़े अंतर से जीत गई थी।

 आम चुनाव 2024 की चुनावी जंग में बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए ही तीसरी बार भी यहां से सांसद रेखा वर्मा को ही प्रत्याशी बनाया है। जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन ने मजबूत ठाकुर चेहरे आनंद भदौरिया पर फिर से दांव खेला है। बसपा ने इस सीट पर अभी  प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।  हालांकि संभावना है कि मायावती की पार्टी से किसी ब्राह्मण चेहरे को मैदान में उतारा जाएगा। हाल ही में बीजेपी से बसपा में आए श्याम किशोर अवस्थी का नाम रेस में आगे चल रहा है।  इस बार धौरहरा सीट पर हाथी की सवार का मौका अवस्थी को ही मिलने की उम्मीद है। मगर पिछले दो चुनाव में यहां से बीजेपी की बंपर जीत बता रही है कि इस सीट पर बीजेपी को हराना आसान नहीं है... विपक्षी को जीत के लिए इस सीट पर ठोस रणनीति और मजबूत समीकरण के साथ ही मैदान में उतरना होगा। तब जाकर बीजेपी की हार का जाल बुना जा सकता है। हालांकि चुनाव में कुछ भी उलटफेर संभव है। 

 

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