खाकी हुई दागदार: सर्राफ से 42.50 लाख रुपये की लूट में शामिल था दरोगा, क्राइम ब्रांच का खुलासा

Edited By Ramkesh,Updated: 26 Jul, 2024 07:28 PM

khaki is tainted inspector was involved in the robbery of rs 42 50 lakh from

अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली यूपी पुलिस ने एक बार फिर खाकी को दागदार कर दिया है। दरअसल, 42.50 लाख रुपये की लूट  मामले में क्राइम ब्रांच टीम ने बड़ा खुलासा किया। क्राइम ब्रांच के मुताबिक नीचीबाग के कूड़ाखाना गली के सर्राफ जयपाल के...

वाराणसी: अपने कारनामों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली यूपी पुलिस ने एक बार फिर खाकी को दागदार कर दिया है। दरअसल, 42.50 लाख रुपये की लूट मामले में क्राइम ब्रांच टीम ने बड़ा खुलासा किया। नीचीबाग के कूड़ाखाना गली के सर्राफ जयपाल के कर्मचारियों से हाईवे पर 42.50 लाख रुपये की लूट की घटना में पहले एक आरोपी को क्राइम ब्रांच की टीम ने पकड़ा था। उसके मोबाइल का सीडीआर खंगाला गया तो पता चला कि दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय उससे लगातार संपर्क में था। घटना के दिन भी उसने कई बार फोन किये थे। इसके बाद से सूर्य प्रकाश पांडेय पुलिस अफसरों की जांच के घेरे में आ गया।

लूटकांड का मुकदमा दर्ज
दरोगा पर शक  होने के बाद मुकदमा दर्ज कर इसकी जांच के लिए क्राइम ब्रांच की टीम लगाई गई थी। तब कर्मचारियों के साथ भुल्लनपुर में बस में साथ बैठे आयर बाजार (चोलापुर) निवासी अजय गुप्ता को चिह्नित किया गया। इसके जरिये अहिरौली (चोलापुर) निवासी विकास मिश्रा का पता चला। डीसीपी काशी जोन ने बताया कि विकास मिश्रा का सीडीआर खंगालने पर घटना के दिन निलंबित दरोगा हर बार आधी रकम ही लूटते थे गिरोह के सदस्य सूर्यप्रकाश पांडेय और गिरोह के अन्य सदस्य जब भी लूट करते, आधी रकम ही लेते थे। अक्सर हवाला का पैसा होने के कारण व्यापारी आधी रकम वापस मिलने की संतुष्टि के साथ वापस हो जाता था, पुलिस में शिकायत नहीं करता था। गिरोह के सदस्यों ने इसी तर्ज पर लूट की कई घटनाओं को अंजाम दिया।

डकैती की धारा बढ़ी, कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी
सर्राफ के कर्मचारियों से लूट के मामले में रामनगर पुलिस ने लूट के साथ अब डकैती की धारा भी बढ़ा दी है। आरोपियों की पुलिस कस्टडी रिमांड लेने की तैयारी चल रही है। आरोपी दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय, अजय गुप्ता और विकास मिश्रा से पूछताछ के क्रम में अन्य घटनाओं की जानकारी ली जाएगी। सूर्यप्रकाश पांडेय के कई फोन कॉल मिले। विकास समेत बड़ागांव निवासी निलेश यादव, मुकेश दुबे उर्फ हनी, योगेश पाठक उर्फ सोनू के फोन कॉल खंगाले गये। सबसे पहले से दरोगा की नियमित बातचीत होती थी।

बचाव में झूठी दलील देता रहा आरोपी दरोगा
आरोपियों से बातचीत के संबंध में जब दरोगा से अफसरों ने पूछताछ की तो वह बताने लगा कि जब बड़ागांव थाने पर तैनात था। तभी से इन युवकों से बातचीत होती थी। बरगलाने के लिए कहा कि सभी से उसकी दोस्ती थी। लेकिन उसके मोबाइल का सीडीआर खंगाला गया तो पता चला कि दरोगा सूर्यप्रकाश पांडेय उससे लगातार संपर्क में था। 

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