Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 30 Jul, 2023 06:13 PM

मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के बीच राम दलाल ने भव्य और दिव्य ग्रह में विराजमान हो जाएंगे। इससे पहले रामलला के दर्शन के लिए जन्मभूमि पथ शुरू हुआ। बिड़ला धर्मशाला से सुग्रीव किला होते हुए रामलला के द...
अयोध्या: मकर संक्रांति और गणतंत्र दिवस के बीच राम दलाल ने भव्य और दिव्य ग्रह में विराजमान हो जाएंगे। इससे पहले रामलला के दर्शन के लिए जन्मभूमि पथ शुरू हुआ। बिड़ला धर्मशाला से सुग्रीव किला होते हुए रामलला के दरबार श्रद्धालु आसानी से पहुंच सकेंगे। रामलला के जयकारों के साथ द्वितीय बेला में जन्मभूमि पथ भक्तों के लिए खोल दिया गया है। अब से प्रवेश और निकास दोनों ही जन्मभूमि पथ से होगा। इसको लेकर राम भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला है।
100 फीट चौड़ा श्री राम जन्मभूमि मार्ग भक्तों के लिए खोल दिया गया है, अब नवीन मार्ग से राम भक्त रामलला का दर्शन कर सकेंगे। नवीन मार्ग से राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर की विराट झलक देख भक्त प्रसन्न हो रहे है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने बताया कि नवीन मार्ग से रामलला की दर्शन दूरी हुई 500 मीटर कम हो गई है। उन्होंने बताया कि बिड़ला मंदिर के सामने नवीन मार्ग बना है और पुराना दर्शन मार्ग मंदिर निर्माण कार्य में प्रयोग किया जाएगा। नवीन मार्ग में पुलिस के अवरोध कम होगा इसके साथ ही भक्तों को नवीन मार्ग राम जन्मभूमि पथ पर 600 मीटर ही चलना पड़ेगा।
दर्शन मार्ग बदले जाने से जहां रामलला के दर्शनार्थियों को कहीं अधिक सुगम, प्रशस्त तथा पांच सौ मीटर की दूरी कम करने वाला मार्ग उपलब्ध हुआ है, वहीं मंदिर का परकोटा निर्माण भी कारण माना जा रहा है। परकोटा निर्माण के लिए यह जरूरी माना जा रहा था कि पारंपरिक दर्शन मार्ग से मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का प्रवेश रोका जाए। हालांकि नवनिर्मित रामजन्मभूमि मार्ग अभी पूरा नहीं हुआ है, किंतु इतना जरूर बन गया है कि श्रद्धालुओं का उस पर आवागमन सुनिश्चित हो सके।