पहल: स्वस्थ्य बच्चे- स्वस्‍थ्य अमेठी के तहत 5 हजार बच्चों को मिलेगा लाभ

Edited By Ajay kumar,Updated: 12 Dec, 2019 02:12 PM

initiative healthy children 5 thousand children will get

कहते हैं कि स्वस्थ बचपन ही स्वस्थ जीवन बनाता है। इसी लक्ष्य को लेकर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में नौनिहालों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल...

अमेठी: कहते हैं कि स्वस्थय बचपन ही स्वस्थय जीवन बनाता है। इसी लक्ष्य को लेकर केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में नौनिहालों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। इस पहल को नाम दिया गया है। 'स्वस्थ्य बच्चे-स्वस्‍थ्य अमेठी'। जिसका आयोजन 16 दिसंबर को किया जाएगा। इस पहल से करीब 5000 बच्चों का नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, टीकाकरण के साथ ही उनके परिजनों को पूरक आहार और पोषण के बारे में बताया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक आयोजित होगा। 29 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के साथ दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। यह पहल बच्चों के साथ-साथ परिजनों के लिए भी लाभप्रद साबित होगा।

बता दें कि 31 स्वास्थ्य केंद्रों पर 1 से 5 साल तक के बच्चों के लिए स्वास्थ्य शिविर के आयोजन में बच्चों की सेहत जांची जाएगी। इसके तहत हर महीने जिले के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग-अलग थीम पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर हर वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य की बेहतर देखभाल किए जाने की योजना है। इस शिविर के जरिए अमेठी के 5 हजार  परिवारों तक पहुंचने का स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है।

सभी बच्चों का नि:शुल्क उपचार कर उन्हे स्वस्थ्य बनाने के लिए दवाएं भी दी जाएंगी। साथ ही कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिले के सभी ग्राम प्रधान और प्राथमिक स्कूलों को टीचरों समेत कई अन्य लोगों का सहयोग लिया जाएगा। उसके साथ ही इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के सहयोग से बोस्टन कन्सलटिंग ग्रुप का भी सहयोग लिया जाएगा। 22 अक्टूबर को गर्भवती माताओं और किशोरियों की रक्त जांच करायी गई थी और जिनको एनिमिया था, उन्हें आयरन फ्लोरिक के टैबलेट दिए गए थे।

अमेठी के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ राजेश मोहन श्रीवास्तव ने बताया कि हमारा जो लक्ष्य था, उसमें हम लोग सफल हुए। इसी तरह 26 नवंबर को स्वस्‍थ्य मां स्वस्‍थ्य बच्चे कार्यक्रम के तहत सभी गर्भवती माताओं की रक्त जांच और एचआईवी का टेस्ट कराया गया था। इन बच्चों का इलाज कर उन्हे कुपोषण से दूर कराना है। जिससे स्वस्थ बच्चे-स्वस्थ अमेठी का सपना साकार हो सके।

उन्होंने आगे बताया कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सबसे अधिक जरूरी है बच्चों के टीकाकरण के साथ ही पोषण पर सही तरीके से ध्यान दिया जाए। इसलिए समय से बच्चों को सभी जरूरी टीके अवश्य लगवाएं क्योंकि ये टीके बच्चे को कई तरह की बीमारियों से रक्षा करते हैं।बच्चे को जन्म के पहले घंटे में मां का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाएं क्योंकि वह बच्चे के पहले टीके के रूप में होता है। इसके अलावा बच्चे को 6 माह तक केवल स्तनपान कराए क्योंकि उससे बच्चे को उचित खुराक मिल जाती है।

 

 

 

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