Edited By Harman Kaur,Updated: 27 Sep, 2022 06:09 PM
मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2013 के दंगों से ऐन पहले कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव भड़काने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल...
मुजफ्फरनगरः उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में वर्ष 2013 के दंगों से ऐन पहले कथित रूप से सांप्रदायिक तनाव भड़काने और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के मामले में उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल और भाजपा के पूर्व सांसद सोहन वीर सिंह समेत छह आरोपियों ने मंगलवार को विशेष एमपी/एमएलए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। बाद में उन्हें जमानत भी मिल गई।
मंत्री समेत छह आरोपियों ने अदालत ने किया आत्मसमर्पण
अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि 30 अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद नगला मंडोर गांव में आयोजित महापंचायत में भड़काऊ बयानबाजी कर तनाव फैलाने के आरोपी उत्तर प्रदेश के मौजूदा कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व विधायक अशोक बंसल, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष यशपाल पंवार, विश्व हिंदू परिषद नेता साध्वी प्राची और समाजवादी पार्टी नेता हरेंद्र मलिक ने विशेष एमपी/एमएलए अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया।
60 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोगों घर छोड़ना पड़ा
उन्होंने बताया कि विशेष न्यायाधीश मयंक जायसवाल ने इन आरोपियों के खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट वापस लेते हुए सभी को दोनों मामलों में 20-20 हजार रुपए के दो मुचलकों के आधार पर जमानत दे दी। सिंह ने बताया कि इन लोगों पर आरोप है कि उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों से पहले 30 अगस्त 2013 को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए नगला मंडोर गांव में आयोजित पंचायत में हिस्सा लिया था और भड़काऊ बयानबाजी की थी। मुजफ्फरनगर दंगों में 60 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 40,000 से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ा था।