Edited By Ramkesh,Updated: 14 Jun, 2023 03:42 PM

Important decision of Allahabad HC in rape case
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कहा समझौते के आधार पर रेप का मुकदमा भी खत्म किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि कहा अभियुक्त के विरुद्ध रिकॉर्ड पर...
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रेप के मामले में अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने कहा समझौते के आधार पर रेप का मुकदमा भी खत्म किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि कहा अभियुक्त के विरुद्ध रिकॉर्ड पर कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होने और पीड़िता के भी अपने बयान में किसी प्रकार का आरोप नहीं लगाने के बाद मामले को समाप्त किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 376 के तहत दर्ज मुकदमा समझौते के आधार पर समाप्त किया जा सकता है। हालांकि कोर्ट ने कहा सामान्यतया हाईकोर्ट को यौन अपराधों के मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। लेकिन कोर्ट कहा कि विशेष परिस्थिति में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत प्राप्त शक्तियों के तहत हाई कोर्ट मामले में हस्तक्षेप कर सकता है।
वहीं कोर्ट ने कहा कि अपराध की गंभीरता,यौन हमले के प्रभाव,समाज पर पड़ने वाले उसके प्रभाव, अभियुक्त के विरुद्ध उपलब्ध साक्ष्य पर विचार करने के बाद ही फैसला लिया जा सकता है। दरअसल, बरेली निवासी फखरे आलम के खिलाफ बरेली की बारादरी थाने में रेप और पोक्सो एक्ट के तहत एफ आई आर दर्ज थी। जिस मामले में पुलिस ने चार्ज सीट दाखिल की, कोर्ट ने चार्जशीट का संज्ञान लेकर अभियुक्त को वारंट जारी कर दिया। वहीं याची ने याचिका दाखिल चार्ज सीट और सेशन कोर्ट से जारी वारंट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। याची ने कोर्ट को बताया कि थी। अभियुक्त के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता अपनी मर्जी से आरोपी के साथ गई थी। दोनो अपनी इच्छा से पति- पत्नी के रुप में रह रहे थे। दोनो पक्षों के बीच समझौता हो चुका है। पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। इस मामले में जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की सिंगल बेंच में हुई।