Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Apr, 2022 11:24 AM
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (यूपीएचजेएस) परीक्षा, 2020 में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति डॉ केजे ठाकर और...
प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश उच्चतर न्यायिक सेवा (यूपीएचजेएस) परीक्षा, 2020 में आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति डॉ केजे ठाकर और न्यायमूर्ति अजय त्यागी की पीठ ने याचिका यह कहकर खारिज कर दी कि विज्ञापन जारी होने के बाद अधिकारियों के लिए इसमें नया उपबंध डालना उचित नहीं होगा। इससे पूर्व, नोटिस जारी किए जाने पर उच्च न्यायालय प्रशासन ने हलफनामा दायर कर दलील दी थी कि अधिसूचना जारी करते समय उच्च न्यायालय ने 2020 के अधिनियम 10 के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण को नहीं अपनाया था। मेरठ के वकील याचिकाकर्ता संदीप ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के वास्ते उच्च न्यायालय प्रशासन को संशोधित अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
अदालत ने 25 मार्च को याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘एक बार विज्ञापन निकल जाने पर अधिकारियों के लिए कोई नया उपबंध डालना उचित नहीं होगा। उच्चतम न्यायालय ने भी व्यवस्था दी है कि विज्ञापन में किसी शर्त में परिवर्तन संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन होगा। इसलिए हम उच्च न्यायालय प्रशासन को इस साल की परीक्षा में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ उपलब्ध कराने का निर्देश नहीं दे सकते।''