Edited By Mamta Yadav,Updated: 13 May, 2023 01:15 AM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (Lucknow Peeth) ने डॉ. शकुंतला मिश्रा (Dr Shakuntala Mishra) राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (National Rehabilitation University) , लखनऊ (lucknow) के पांच शिक्षकों (Teacher) की सेवा समाप्ति...
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (Lucknow Peeth) ने डॉ. शकुंतला मिश्रा (Dr Shakuntala Mishra) राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (National Rehabilitation University) , लखनऊ (lucknow) के पांच शिक्षकों (Teacher) की सेवा समाप्ति के आदेशों (Order) को निरस्त कर दिया है।

विश्वविद्यालय ने सात साल की सेवा के बाद पांच शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने अपने आदेश में कहा कि विश्वविद्यालय ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने डॉ. राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, विपण कुमार पांडेय, मृत्युंजय मिश्रा, डॉ. आद्या शक्ति राय व अवनीश चंद्र मिश्रा की ओर से दाखिल अलग-अलग याचिकाओं को एक साथ मंजूर करते हुए पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने छह जुलाई, 2022 को बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती दी थी। पीठ ने पाया कि याचिकाकर्ताओं ने पात्रता मानदंडों को पूरा किया और उनकी परिवीक्षा अवधि पूरी करने के बाद कार्यकारी परिषद द्वारा पुष्टि की गई।

खंडपीठ ने कहा, ‘‘ इस अदालत की सुविचारित राय है कि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक सेवा में बने रहने की अनुमति देने के बाद, चयन को रद्द नहीं किया जा सकता है, या चयन में कुछ कमियों के कारण सेवाएं समाप्त नहीं की जा सकती हैं।’’ छह जुलाई, 2022 के बर्खास्तगी के आदेश को रद्द करते हुए, पीठ ने विश्वविद्यालय को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ताओं को तुरंत बहाल करे और सेवा समाप्ति की तारीख से उन्हें वेतन भी वापस करे।