हापुड़ लाठीचार्ज मामला: यूपी में वकीलों ने न्यायिक कार्यों से बनाई दूरी, जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम को दिया ज्ञापन

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Sep, 2023 03:40 PM

hapur lathicharge case lawyers in up kept distance from judicial work even

हापुड़ में वकीलों पर कथित पुलिस लाठीचार्ज की घटना में राज्य सरकार की ‘‘निष्क्रियता'' के विरोध में राज्य भर और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील बुधवार को न्यायिक कार्यों से दूर रहे।

लखनऊ/प्रयागराज: हापुड़ में वकीलों पर कथित पुलिस लाठीचार्ज की घटना में राज्य सरकार की ‘‘निष्क्रियता'' के विरोध में राज्य भर और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील बुधवार को न्यायिक कार्यों से दूर रहे। वकीलों को बुधवार को काम फिर से शुरू करना था लेकिन उन्होंने बृहस्पतिवार तक दो दिन और हड़ताल जारी रखने का फैसला किया। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने कहा कि मंगलवार रात उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य भर के वकील 13-14 सितंबर को न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे। 
 

लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण मिश्रा ने बताया कि लखनऊ में, लखनऊ बार एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने विरोध प्रदर्शन के तहत जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को बार काउंसिल के निर्देशानुसार वकील शांतिपूर्ण तरीके से अदालत परिसर में सरकार का पुतला दहन करेंगे। प्रयागराज समेत अन्य जिलों में भी वकील काम से दूर रहे। प्रयागराज में राज्य विधिज्ञ परिषद के आह्वान पर जिला अदालत और तहसील के अधिवक्ता बुधवार को न्यायिक कार्य से दूर रहे। जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गिरीश तिवारी ने कहा कि हापुड़ घटना को लेकर शासन द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के विरोध में आज जिला अदालत और तहसील में अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहे। 
 

उन्होंने कहा कि बार काउंसिल के आह्वान पर अधिवक्ता बंधु बृहस्पतिवार को भी न्यायिक कार्य से दूर रहेंगे और अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे। उधर, उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन के आह्वान पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के अधिवक्ता न्यायिक कार्य से अलग रहे। एसोसिएशन ने मंगलवार को आपात बैठक कर बुधवार को न्यायिक कार्य से अलग रहने का अधिवक्ताओं से आह्वान किया था। हापुड़ में 29 अगस्त को लाठीचार्ज की कथित घटना के बाद से राज्य भर के वकील हड़ताल पर हैं। उनके अनुसार घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा कोई ‘‘ठोस कार्रवाई'' नहीं की गई है। हड़ताल के मद्देनजर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ऑनलाइन सुनवाई शुरू की, हालांकि ज्यादातर वकील कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले रहे है। 
 

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