शिक्षा की नगरी वाराणसी में गुरुकुल परंपरा हुई ऑनलाइन, मोबाइल पर वेद पढ़ाते हैं प्रोफेसर

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 13 May, 2020 08:03 PM

gurukul tradition has been done online in varanasi city of education

प्राचीन शहरों की सूची में अव्वल नंबर पर आता है उत्तर प्रदेश का वाराणसी। यहां पर सदियों पुरानी गुरुकुल परंपरा आज भी जिंदा है। वहीं कोरोना वायरस के दौरान लागू लॉकडाउन में यह तकनीकी व आधुनिकता से हांथ मिलाकर...

वाराणसीः प्राचीन शहरों की सूची में अव्वल नंबर पर आता है उत्तर प्रदेश का वाराणसी। यहां पर सदियों पुरानी गुरुकुल परंपरा आज भी जिंदा है। वहीं कोरोना वायरस के दौरान लागू लॉकडाउन में यह तकनीकी व आधुनिकता से हांथ मिलाकर आगे बढ़ रही है। ज्ञात है कि इस लॉकडाउन में सबसे ज्यादा नुकसान विद्यार्थियों का हो रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों की सुविधा और उनका हानि न हो को ध्यान में रखते हुए गुरुकुल परम्परा ने भी ऑनलाइन शिक्षा को अपना लिया है।

संस्कृत विभाग के प्रोफ़ेसर ने शुरू की शिक्षा
वेदों के विद्वानों ने इसे बचाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा की शुरुआत की है। मोबाइल व लैपटॉप के माध्यम से गुरुकुल में पढ़ने वाले छात्र वेदों और संस्कृत भाषा का ज्ञान धर्म नगरी काशी से विद्वानों के जरिये प्राप्त कर रहे हैं। मोबाइल में ऐप से इस शिक्षा को पढ़ाने की जिम्मेदारी ली काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के प्रोफ़ेसर श्री राम नारायण द्विवेदी ने जो लॉकडाउन के कारण अपने घर जा चुके विद्यार्थियों या वाराणसी में ही मठों में फंसे हुए छात्रों को वेदों की शिक्षा दे रहे हैं।

एप से लेते हैं प्रतिदिन क्लास
प्रो. द्विवेदी का कहना है कि वेदों की शिक्षा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में लगातार जारी है। लेकिन इस लॉकडाउन के कारण पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई थी। ऐसे में हमने घर बैठे ही ऑनलाइन शिक्षा का सहारा लिया। उनका कहना है कि भले ही हमें इस आधुनिक ब्लैक बोर्ड का ज्ञान न था, लेकिन आवश्यकता ही अविष्कार की जननी होती है।  इसलिए हमने इस मोबाइल एप के वीडियों एप की जानकारी ली और देश विदेश में रहने वाले छात्रों को  इससे जोड़ा। जो आज इस एप के माध्यम से प्रत्येक दिन क्लास लेते हैं।
 

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