Edited By Ajay kumar,Updated: 04 Aug, 2023 05:35 PM

सूबे के 20 जिलों की कमान संभाल चुके आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी अपने ट्रांसफर से चर्चा में बने हुए हैं। अंबेडकरनगर जनपद के हंसवर थाना क्षेत्र के मेढ़ी सुलेमपुर गांव में आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी का घर है। यहां उनके पिता और परिवार के अन्य सदस्य...
अंबेडकरनगर: सूबे के 20 जिलों की कमान संभाल चुके आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी अपने ट्रांसफर से चर्चा में बने हुए हैं। अंबेडकरनगर जनपद के हंसवर थाना क्षेत्र के मेढ़ी सुलेमपुर गांव में आईपीएस अधिकारी प्रभाकर चौधरी का घर है। यहां उनके पिता और परिवार के अन्य सदस्य रहते हैं। पिता पारस नाथ रिटायर्ड शिक्षक हैं।
भाजपा ने मेरे बेटे के साथ गलत किया
अपने बेटे के ट्रांसफर पर पारस नाथ ने कहा कि वह बहुत होनहार अफसर है। प्रभाकर हमेशा से काबिल रहा है। पारस नाथ ने कहा कि बहुत ही दुख की बात है कि मेरे बेटे को ईमानदारी के रूप में काम करने पर उसका ट्रांसफर कर दिया गया है। भाजपा ने मेरे बेटे के साथ गलत किया है। मैं बड़ा नेता तो नहीं था लेकिन मैं भाजपा और संघ से करीब 40 सालों से जुड़ा हुआ था, अब मैं भाजपा को छोड़ रहा हूं। उन्होंने अपने बेटे के 18वें ट्रांसफर के पीछे बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है।

बरेलीः जोगी नवादा में कावडयांत्रा के दौरान बवाल मामला
बता दें कि बरेली जिले के जोगी नवादा में कावडयांत्रा के दौरान बवाल हो गया था जिसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी के आदेश पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया। जिसके बाद मामला शांत हुआ। वहीं उपद्रव के बीच कांवड़यिों पर हुये लाठीचार्ज पर गंभीर रूख अपनाते हुये बारादरी इंस्पेक्टर और चौकी प्रभारी को निलंबित कर दिया गया। देर रात जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी का भी तबादला हो गया है।

13 साल में हुए 21 तबादले
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 13 साल की सर्विस के दौरान आईपीएस प्रभाकर चौधरी के 21 तबादलों पर उनके पिता पारस नाथ भड़क गए हैं। उन्होंने ऐलान कर दिया है कि वे अब भाजपा के खिलाफ रहेंगे। एक मीडिया रिपोर्ट में पारस नाथ की ओर से कहा गया है कि मेरे आईपीएस बेटे को ईमानदारी की सजा मिलती है। इसी के कारण उनका तबादला होता है।