Edited By Pooja Gill,Updated: 23 Jul, 2023 10:22 AM

Farrukhabad News: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा में लगातार बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण स्थितियां विकराल होती जा रही हैं। गंगा नदी ने 10 वर्षों बाद एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा नदी रौद्र रूप धारण करती हुई करीब 6...
Farrukhabad News (दिलीप कुमार): उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा में लगातार बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण स्थितियां विकराल होती जा रही हैं। गंगा नदी ने 10 वर्षों बाद एक बार फिर रौद्र रूप धारण कर लिया है। गंगा नदी रौद्र रूप धारण करती हुई करीब 6 किलोमीटर दूरी तय करते हुए फर्रूखाबाद नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत बसी कांशीराम कालोनी में पहुंच गई है। जिससे बाढ़ का पानी शहर तक पहुंच गया है। कालोनी के अंदर और बहार 4-5 फिट बाढ़ का पानी बह रहा है। कई लोग मकानों में ताले डालकर रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। अब गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है।

बता दें कि शहर में काशीराम कॉलोनी हैबतपुर गढ़िया में भूतल पर बने 200 आवासों में बाढ़ का पानी भर गया है। कॉलोनी के शौचालय बंद हो गए हैं। बिजली और पानी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। घरों में सांप, बिच्छू और कांतरें पहुंच रहे हैं। कांशीराम कालोनी में 1294 आवासों में करीब 6 हजार लोग रहते हैं। बाढ़ आने से सभी को दिक्कत है। दुकानें बंद हैं, घरों में रोशनी के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अभी तक प्रभावितों के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। यह कॉलोनी बसपा शासन में बनवाई गई थी। जिस भूमि पर कॉलोनी बनी है, वह राजस्व रिकार्ड में कृषि भूमि के रूप में दर्ज थी। शासन के दबाव के चलते इसी भूमि पर कालोनी बना दी गई।
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अब गंगा की बाढ़ का प्रकोप कालोनी में रह रहे गरीब झेल रहे हैं। कालोनी के आसपास हजारों बीघा खेतों में गोभी, मक्का, मूंगफली की फसल खड़ी है। खेतों में घुसे पानी से तमाम फसलें नष्ट हो चुकी हैं। पानी की धार बहने से सड़क कटने की आशंका है। पानी कम नहीं हुआ तो शहर से सटे सिरमौरा, बरी नगला, रामनगर, नैनिया नगला, रामपुर और बीबीगंज के आसपास के मोहल्लों में भी पानी घुसने की आशंका बनी है। गंगा में आई बाढ़ से राजेपुर और शमशाबाद के बिजली घरों में जलभराव हो गया है। अनहोनी से बचने के लिए करीब 200 गांवों की बिजली बंद कर दी गई। अब बाढ़ पीड़ितों को अंधेरे में रात गुजारने पर मजबूर होना पड़ेगा।