देश ही नहीं अब दुनिया भर के मंचों पर बजेंगे एटा के घुंघरू

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Oct, 2020 05:58 PM

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उत्तर प्रदेश में एटा जिले में निर्मित घुंघरू देश ही नहीं, अब दुनिया भर के कलाकारों के पैरों में बजेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया और साउदी अरब के कलाकारों ने एटा के घुंघरू की मांग की है।...

लखनऊः उत्तर प्रदेश में एटा जिले में निर्मित घुंघरू देश ही नहीं, अब दुनिया भर के कलाकारों के पैरों में बजेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को बताया कि दक्षिण अफ्रीका, सिंगापुर, मलेशिया, कंबोडिया और साउदी अरब के कलाकारों ने एटा के घुंघरू की मांग की है। जाडर्न, यूएई सरीखे मध्य पूर्व के देशों में भी एटा के घुंघरू को बड़ा बाजार मिल गया है। उन्होंने बताया कि दो साल पहले तक गुमनामी और बेजारी से जूझ रहे एटा के घुंघरू उद्योग में योगी सरकार ने नई जान फूंक दी है। एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल एटा के घुंघरू देश ही नहीं दुनिया को भी अपनी छम छम से आकर्षित कर रहे हैं। राज्य सरकार भी एटा के कलाकारों के हुनर और मेहनत को अंतररष्ट्रीय मंचों पर पूरी मजबूती के साथ पेश करने में जुट गई है।

सूत्रों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी देशों के साथ सिंगापुर,मलेशिया,कंबोडिया, साउदी अरब,जाडर्न,यूएई और ईराक जैसे देशों में कलाकारों के बीच एटा के घुंघरू की मांग ने सरकार की योजना को पंख लगा दिए हैं। दुनिया के मंच पर मिल रहे इस मौके को हाथों हाथ लेते हुए योगी सरकार ने केन्द्र के माध्यम से इन देशों को सप्लाई शुरू कर दी है। देश और दुनिया में मिल रहे बाजार और मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने घुंघरू उत्पादन बढ़ाने के प्रयास भी तेज कर दिए हैं। एमएसएमई विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ही एटा के घुंघरू और घंटी व्यापार 15 से 20 फीसदी बढ़ा है। ओडीओपी के तहत नए कलाकारों को प्रशिक्षण देकर इंडस्ट्री का विस्तार किया जा रहा है। ताकि देश और विदेश में बढ़ती मांग को पूरी गुणवत्ता के साथ पूरा किया जा सके।

उन्होंने बताया कि कोलकाता,आगरा,मथुरा,वाराणसी,मुरादाबाद,कानपुर और दिल्ली के साथ दक्षिण भारत में भी एटा के घुंघरू अपना जलवा खूब विखेर रहे हैं। देश और विदेश में घुंघरुओं की सालाना औसत व्यापार 100 करोड़ को पार कर गया है। मौजूदा दौर में 10000 से ज्यादा लोग घुंघरू और घंटी उद्योग से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। ओडीओपी योजना के तहत राज्य सरकार ने उद्योग को बढ़ाने के लिए कलाकारों को 350 करोड़ रुपये के लोन के साथ ही मुफ्त प्रशिक्षण और जरूरी साजो सामान उपलब्ध करा रही है। ओडीओपी योजना के तहत अब तक करीब 1000 नए युवाओं को प्रशिक्षित कर उद्योग से जोड़ा जा चुका है। हालांकि कुछ परेशानियां भी हैं जो इस उद्योग को और रफ्तार पकड़ने में बाधक बन रही हैं। कलाकारों का कहना है कि कोरोना और लाक डाउन के कारण इंडस्ट्री पर काफी असर पड़ा है। मतीन अंसारी कहते हैं कि अब संभालने की कोशिश हो रही है। सप्लाई के आडर्र जरूर मिल रहे हैं,लेकिन उत्पादन बढ़ाने के लिए आर्थिक तौर पर और सुविधाएं चाहिए। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) के दायरे में आने के कारण भी घुंघरू इंडस्ट्री थोड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है । 

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