Edited By Ramkesh,Updated: 25 Jul, 2025 03:50 PM

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने संसद में संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष नहीं हटाने से संबंधित केंद्रीय कानून मंत्री के बयान की शुक्रवार को सराहना की। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स' पर लिखा, “देश के कानून मंत्री का कल संसद में...
लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने संसद में संविधान की प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष नहीं हटाने से संबंधित केंद्रीय कानून मंत्री के बयान की शुक्रवार को सराहना की। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ‘एक्स' पर लिखा, “देश के कानून मंत्री का कल संसद में दिया गया बयान उचित एवं सराहनीय है, जिसमें उन्होंने कहा है कि संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलरिज्म (धर्मनिरपेक्षता) शब्द हटाने की सरकार की न कोई नीयत है और न ही इसपर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने लिखा, “यह हमारी पार्टी बसपा सहित देश व दुनियाभर में उन सभी लोगों के लिए राहत राहत की खबर है, जो परमपूज्य बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के संविधान में इस प्रकार के किसी भी अनुचित बदलाव या छेड़छाड़ के पूरी तरह विरुद्ध हैं और ऐसी उठने वाली गलत मांग को लेकर चिंतित भी थे।
मायावती ने कहा, “यह सर्वविदित है कि हमारा देश हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध एवं पारसी आदि विभिन्न धर्मों के मानने वाले लोगों का विश्व की सबसे बड़ी आबादी वाला देश है और दुनियभार में संविधान के जरिए विविधता में एकता इसकी एक अलग पहचान है।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बृहस्पतिवार को एक लिखित उत्तर में कहा था कि कुछ राजनीतिक या सार्वजनिक हलकों में चर्चा या बहस हो सकती है, लेकिन इन शब्दों में संशोधन को लेकर सरकार द्वारा कोई औपचारिक निर्णय या प्रस्ताव की घोषणा नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “सरकार का आधिकारिक रुख यह है कि संविधान की प्रस्तावना से समाजवादी या धर्मनिरपेक्षता शब्द हटाने की वर्तमान में कोई योजना या इरादा नहीं है।