Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Jul, 2023 11:33 AM

UP News: उत्तर प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में मानसून के इस मौसम में अभी तक औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। जिससे 41 जिलों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ की ओर से उपलब्ध कराए गए ताजा आंकड़ों से यह जानकारी...
UP News (अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलों में मानसून के इस मौसम में अभी तक औसत से कम बारिश दर्ज की गई है। जिससे 41 जिलों में सूखे का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ की ओर से उपलब्ध कराए गए ताजा आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़ों के मुताबिक, मानसून की शुरुआत के बाद जून के पहले सप्ताह से 28 जुलाई तक उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 40 में औसत से कम वर्षा हुई है। इन जिलों में से ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य और बुंदेलखंड के हैं। कम बारिश के कारण जहां सूखा पड़ने का खतरा बढ़ गया है। जिसे देखकर कृषि विभाग ने किसानों की मदद करने के लिए कदम बढ़ाया है।

बता दें कि आंकड़ों के अनुसार, कौशांबी, कुशीनगर और देवरिया में लंबी अवधि के औसत की तुलना में लगभग 70 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। धान उत्पादन में अग्रणी रूहेलखंड के पीलीभीत समेत पूर्वांचल के सात जिलों में सामान्य से 99 फीसदी तक कम बारिश हुई है। वहीं, 33 जिलों में 59 फीसदी तक कम वर्षा दर्ज की गई है। 28 जुलाई तक 281.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है, जोकि सामान्य वर्षा 333.5 मिलीमीटर की 84.3 प्रतिशत है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि वहां सामान्य से 64.8 प्रतिशत बारिश ही हुई है। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यह 118.3 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है। खरीफ में 96.20 लाख हेक्टेयर लक्ष्य के मुकाबले 78.71 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बोआई हो सकी है। हालांकि, यह बुआई गत वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले 5.52 प्रतिशत अधिक है। धान का रकबा 58.50 लाख हेक्टेयर रखने का लक्ष्य था, जो 27 जुलाई तक 50.35 लाख हेक्टेयर ही हासिल किया जा सका।

सीएम ने दिए ये निर्देश
प्रदेश में सूखा की स्थिति को देखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अलर्ट मोड पर आ गई है। सीएम ने किसानों को मदद करने का वादा किया है। सीएम का कहना है कि किसान इस समस्या को लेकर न घबराएं, सरकार हर कदम पर उनके साथ है। इसके साथ ही सीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सूखा मैनुअल के अनुसार, अगस्त में सूखा का आकलन किया जाए। प्रत्येक 15 दिन पर स्थिति की समीक्षा की जाए। अगस्त के प्रारंभ में अच्छी वर्षा की संभावना जताई गई है, इसको देखते हुए आगे निर्णय लिया जाएगा। ऐसे क्षेत्र जहां जलाशयों में पानी कम है, वहां पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल योजना बनाने के लिए कहा गया है।

किसानों को मदद देने के लिए लगेगा स्टॉल
आधे यूपी में सूखे के खतरे को मंडराता हुआ देख कृषि विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। विभाग ने किसानों की मदद करने और सूखे से निपटने के लिए कदम बढ़ाया है। कृषि विभाग किसानों को मदद देने के लिए स्टॉल लगाएगा। इन स्टॉलों पर किसानों को 50% अनुदान पर बीज देने की तैयारी की गई है। विभाग किसानों को ज्वार, बाजरा-मक्के के संकर बीज 50% अनुदान पर देगा।