Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Jun, 2025 07:53 AM

Mathura News: चर्चित कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म में बलि प्रथा को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में बलि की प्रथा दूसरे धर्मों से पूरी तरह अलग है और इसे बिना गहरे ज्ञान के समझना या गलत तरीके से आरोप...
Mathura News: चर्चित कथावाचक और आध्यात्मिक गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन धर्म में बलि प्रथा को लेकर एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में बलि की प्रथा दूसरे धर्मों से पूरी तरह अलग है और इसे बिना गहरे ज्ञान के समझना या गलत तरीके से आरोप लगाना उचित नहीं है।
बलि का मतलब जीव हत्या नहीं
देवकीनंदन ठाकुर ने बताया कि सनातन धर्म में बलि का मतलब जानवरों की हत्या करना नहीं है। हिंदू मंदिरों में बलि का एक निश्चित स्थान होता है, लेकिन घरों में जीव हत्या नहीं होती। जहां जानवरों की बलि नहीं दी जाती, वही हमारे धर्म की असली पहचान है।
मंदिरों में बलि का तरीका अलग
उन्होंने कहा कि कुछ मंदिरों, जैसे पशुपतिनाथ और माताजी मंदिर में बलि प्रथा प्रतीकात्मक रूप से की जाती है। उस दौरान जानवरों को मारा नहीं जाता, बल्कि उनके शरीर पर सिंदूर लगाया जाता है और उन्हें छोड़ दिया जाता है। यह बलि उसी तरह है जैसे फलों, नारियल और शरीफा पर सिंदूर चढ़ाकर बलि दी जाती है। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि सनातन धर्म में भगवान बलि के भूखे नहीं होते, बल्कि भक्त के भाव के भूखे होते हैं। पूजा का फल उस भावना से मिलता है।
मुसलमानों से अपील
गुरु देवकीनंदन ठाकुर ने मुस्लिम समुदाय से भी अपील की है कि वे अपनी बलि की परंपराओं का पालन करें, लेकिन इसे व्यवस्थित तरीके से और निर्धारित स्थान पर करें ताकि सार्वजनिक जगहों पर अव्यवस्था न हो और समाज में शांति बनी रहे।
सोशल मीडिया में चर्चा
उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है। कई लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे धार्मिक संवेदनशीलता से जोड़कर देख रहे हैं। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब देश में बकरीद की तैयारियां जोरों पर हैं।