मृतक आश्रित कोटे में अब उच्च पद पर नहीं मिलेगी नौकरी, जानिए किस आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फैसला

Edited By Ramkesh,Updated: 01 Oct, 2025 01:46 PM

dependents of deceased quota will no longer provide higher

उत्तर प्रदेश में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने वाले के लिए अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा समूह ग और घ के पद पर कार्यरत कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मौत...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने वाले के लिए अब सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ा आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा समूह ग और घ के पद पर कार्यरत कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मौत होने पर उसके आश्रित को उसी श्रेणी से उच्च पदों पर नौकरी नहीं दी जाएगी। प्रमुख सचिव कार्मिक एम देवराज ने इसके लिए उत्तर प्रदेश सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों की भर्ती (चौदहवां संशोधन) नियमावली-2025 जारी कर दी है।

तय समय में कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर सेवा होगी समाप्त
सुप्रीम कोर्ट ने नियमावली के नियम 5 (1) का हवाला देते हुए कहा कि अब मृतक सरकारी सेवक जिस समूह में मृत्यु के समय कार्यरत था, उसके आश्रित को उस समूह से उच्चतर वर्ग में नौकरी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने कहा कि नौकरी पाने के दौरान यदि उसे टाइपिंग नहीं आती है तो उसे एक साल में कम से कम 25 शब्द प्रति मिनट करना सीखना होगा। अनुकंपा पर नौकरी पाने वाला एक साल में टाइपिंग नहीं सीख पाता है तो उसे चतुर्थ श्रेणी के पद पर कर दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि तय समय में कार्यभार ग्रहण नहीं करता है, तो उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।

प्रेमलता बनाम राज्य सरकार के आधार पर कोर्ट ने दिया फैसला
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल प्रेमलता बनाम राज्य सरकार व अन्य में 5 अक्टूबर 2021 में पारित आदेश के आधार कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परिधि में आने वाले पदों या पूर्व में इसमें आने वाले या फिर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से भर्ती होने वाले पदों पर आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी नहीं दी जाएगी।

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