लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने भारतीया स्वतंत्रता संंग्राम के महानायक तथा मां भरतीय के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंतती पर कोटि-कोटि नमन किया। योगी ने कहा नेताजी के समर्पण,बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता।

बता दें कि सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा प्रांत में कटक में हुआ था। उनके पिता जानकी दास बोस एक प्रसिद्ध वकील थे। प्रारंभिक शिक्षा कटक में प्राप्त करने के बाद यह कलकता में उच्च शिक्षा के लिये गये। आईसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण करके इन्होंने अपनी योग्यता का परिचय दिया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कथनी और करनी में गजब की समानता थी। वे जो कहते थे, उसे करके भी दिखाते थे। इसी कारण नेताजी सुभाष चंद्र बोस के कथनों से विश्व के बड़े दिग्गज भी घबराते थे। सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता इतनी अधिक थी कि भारत के लोग उन्हें प्यार से 'नेताजी' कहते थे। उनके व्यक्तित्व एवं वाणी में एक ओज एवं आकर्षण था। उनके हृदय में राष्ट्र के लिये मर मिटने की चाह थी।
नेताजी ने कहा ,तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा' यह केवल एक नारा नहीं था। इस नारे ने भारत में राष्ट्रभक्ति का ज्वार पैदा किया, जो भारत की स्वतंत्रता का बहुत बड़ा आधार भी बना। इस नारे को भारत में ही नहीं बल्कि समस्त भू मंडल पर प्रवाहित करने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस वह नाम है जो शहीद देशभक्तों के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा है। सुभाष चंद्र बोस की वीरता की गाथा भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी सुनाई देती है। नेताजी के हर कदम से अंग्रेज सरकार घबराती थी। जिसे अंग्रेज को देश को छोड़कर जाना पड़ा। आज हमारे बीच नेजाजी नहीं हैं लेकिन उनकी छाप युग युगान्तर तक देश याद करेंंगा।
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