Edited By Prashant Tiwari,Updated: 11 Jan, 2023 03:09 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन मेक इन इंडिया के तहत बनकर तैयार हुआ देश का अब तक का सबसे बड़ा क्रूज 'गंगा विलास' आज वाराणसी पहुंच गया। प्रधानमंत्री 13 जनवरी को इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे।
वाराणसी (विपिन मिश्रा) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन मेक इन इंडिया के तहत बनकर तैयार हुआ देश का अब तक का सबसे बड़ा क्रूज 'गंगा विलास' आज वाराणसी पहुंच गया। प्रधानमंत्री 13 जनवरी को इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। गंगा विलास 52 दिनों की अपनी यात्रा के दौरान करीब 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। जो देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी से पटना, साहिबगंज, कोलकाता, ढाका और गुवाहाटी जैसे 50 पर्यटक स्थलों से होकर गुजरेगा।
5 स्टार होटल जैसी सुविधा
काफी लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और मेक इन इंडिया के तहत देश में बनकर तैयार देश का सबसे लम्बा रिवर फ्रंट क्रूज गंगा विलास अपने पहले सफर के लिए पूरी तरह से तैयार होकर आज वाराणसी पहुंच गया है। क्रूज के डायरेक्टर राम सिंह ने बताया कि गंगा विलास में कुल 18 कमरें है। इसके अलावा क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी, और टीवी लगी हुई है। यही नहीं क्रूज में कुल 40 क्रू मेंबर हमेशा इसकी तकनीक और सुविधाओं के लिए मौजूद रहते है।

क्रूज पर सिर्फ शाकाहारी भोजन
काशी से शुरू होने वाली इस क्रूज सेवा को खास कर आध्यात्मिक और गंगा की पवित्रता को देखते हुए भोजन सिर्फ शाकाहारी उपलब्ध कराया जाएगा। चूंकि गंगा नदी को भारत में देवी की तरह पूजा जाता है इसलिए इस क्रूज पर मांस और शराब पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा। गंगा की सफाई का ख्याल रखते हुए क्रूज में STP बनाया गया है। वहीं इसके अंदर फिल्टर भी लगाया है। जो गंगा जल को शुद्ध करके पीने योग्य बना देगा।

स्विट्जरलैंड का 31 यात्रियों का दल होगा पहली सवारी
क्रूज के काशी आने के बाद आज 31 स्विट्जरलैंड के यात्रियों का दल वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनका भव्य स्वागत किया गया। जिसके बाद यह दल रामनगर पोर्ट पर क्रूज में सवार होने के लिए पहुंचा। एक तरफ जहां शहनाई की धुन के वातावरण संगीतमय तो खुद जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने उनकी अगुवाई की। 51 दिनों तक एडवेंचरस सफर पर निकलने वाला यह क्रूज 15 दिनों तक बांग्लादेश से होकर गुजरेगा। इसके बाद असम के ब्रह्मपुत्र नदी से डिब्रूगढ़ तक जाएगा। यह क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम के कुल 27 रिवर सिस्टम से गुजरेगा। इसके रास्ते में मुख्य तीन नदियां गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र पड़ेंगी। क्रूज बंगाल में गंगा की सहायक और दूसरे नामों से प्रचलित भागीरथी, हुगली, बिद्यावती, मालटा, सुंदरबन रिवर सिस्टम, वहीं बांग्लादेश में मेघना, पद्मा, जमुना और फिर भारत में ब्रह्मपुत्र से असम में प्रवेश करेगा। भारत-बांग्लादेश प्रोटोकॉल की वजह से यह यात्रा बांग्लादेश को क्रॉस करेगी। क्रूज यात्री 15 दिनों तक बांग्लादेश में पर्यटन करेंगे।