Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 24 Jan, 2020 01:07 PM
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने विवादित बयान दिया है, जिस पर बवाल शुरू हो गया है। हसन ने कहा कि मुसलमान वो कौम है, जो किसी देश को बर्बाद करने पर आ जाए, तो छोड़ेंगे नहीं। हसन ने कहा कि अगर सब्र की सीमा देखनी है...
अलीगढ़ः अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी(AMU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने विवादित बयान दिया है, जिस पर बवाल शुरू हो गया है। हसन ने कहा कि मुसलमान वो कौम है, जो किसी देश को बर्बाद करने पर आ जाए, तो छोड़ेंगे नहीं। हसन ने कहा कि अगर सब्र की सीमा देखनी है तो हिंदुस्तानी मुसलमानों की देखिए, 1947 के बाद वर्ष 2020 तक यह सब्र है, जो मुसलमान कर रहे हैं, कभी कोशिश नहीं की कि हिंदुस्तान टूट जाए, वरना रोक नहीं पाएंगे, लेकिन इस बयान के बाद न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में फैजुल हसन ने धर्म के आधार पर बंटवारे की राजनीति से दूर रहने की बात की। साथ ही बीजेपी नेताओं को 22 करोड़ मुसलमानों को साथ लेकर चलने पर देश के मजबूत होने की बात कही।
हसन ने गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि अमित शाह आएं और हमारे 12वीं के छात्र से डिबेट करे। आशा है, वो जीत नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगर वो इसके बारे में 5 प्वाइंट्स देते हैं तो मैं उनके साथ खड़ा रहूंगा और सीएए के पक्ष में प्रदर्शन करुंगा। अगर अमित शाह और योगी ने देश के 22 करोड़ मुसलमानों के साथ वो प्रेम दिखाया होता तो कोई भी देश इनकी तरफ (भारत) आंख उठा कर नहीं देख पाता।
हालांकि फैजुल हसन ने बाद में कहा कि उनकी किसी सरकार से कोई नफरत नहीं है, लेकिन धर्म के आधार पर बंटवारे की कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।