हड़ताल कर रहे बिजली संविदा कर्मचारियों पर गिरी गाज: 12 की सेवाएं समाप्त, तोड़फोड़ करने पर Rasuka लगाने की तैयारी

Edited By Ramkesh,Updated: 17 Mar, 2023 02:59 PM

contract workers on strike fell on strike services of 12 terminated

बिजली कम्पनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युतकर्मियों की तीन दिन की हड़ताल को लेकर ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस वार्ता। उनहोंने कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले...

लखनऊ: बिजली कम्पनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युतकर्मियों की तीन दिन की हड़ताल को लेकर ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस वार्ता। उनहोंने कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने के निर्देश दिए हैं।  हालांकि हड़ताल के दौरान काम करने वाले कर्मियो का उन्होंने धन्यवाद दिया है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि  बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से जारी है, कहीं कोई दिक्कत आ रही है तो उसका समाधान किया जा रहा है।  उनहोंने कहा कि ऐसे मौके पर जनता धैर्य बनाये रखे सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक 12 संविदाकमिर्यो की सेवाए समाप्त कर दी गई है। उनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की योजना सरकार बना रही है। 

प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत होगी कार्रवाई 
 बता दें कि बृहस्पतिवार रात 10 बजे शुरू बिजली कर्मचारी हाड़ताल पर हैं हालांकि सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं आने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है। उधर, बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े ने इस हड़ताल के मद्देनजर अपने अभियंताओं को दो घंटे अतिरिक्त काम करने को कहा है। हड़ताल का आह्वान करने वाली 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने बताया कि प्रदेश के करीब एक लाख बिजलीकर्मियों ने आज रात 10 बजे से तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है।

23 साल बाद बिजलीकर्मियों ने की पूर्ण हड़ताल
 उन्होंने कहा, ‘‘आनपारा, ओबरा, पारिछा और हरदुआगंज विद्युत संयंत्रों में रात्रि पाली के सभी शत प्रतिशत कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर, अभियन्ता हड़ताल पर चले गए हैं। ताप बिजली घरों में रात्रि पाली में शत प्रतिशत हड़ताल हो गई है।'' दुबे ने बताया कि प्रदेश में करीब 23 साल बाद बिजलीकर्मियों की पूर्ण हड़ताल हो रही है। उन्होंने बताया कि तीन दिसम्बर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था। सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिये 15 दिन का समय मांगा था मगर अब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है मगर समझौते पर अमल नहीं हुआ। 

मंत्री का दावा, कई बिजली संगठनों ने इस हड़ताल से खुद को किया अलग 
उन्होंने बताया कि सरकार ने समझौते में कहा था कि बिजली कम्पनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिये ही किया जाएगा लेकिन इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है। यह टकराव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है। इस बीच, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस में हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत बिजलीकर्मी अगर हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। हड़ताल के मद्देनजर प्रदेश भर में अलर्ट घोषित किया गया है। मंत्री ने दावा किया कि कई बिजली संगठनों ने इस हड़ताल से खुद को अलग कर लिया है और बहुत से कर्मचारी काम करना चाहते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने बिजली कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि हड़ताल के दौरान कोई 'नुकसान' पहुंचाया गया तो रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। शर्मा ने कहा कि हड़ताल से अगर जनता को परेशानी हुई तो सरकार हड़ताल कर रहे बिजलीकर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई करेगी।

 मंत्री का बोले- बतचीत का रास्ता अब भी खुला है
सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिये बंदोबस्त किये हैं। बिजली मंत्री ने कहा कि हड़ताल की घोषणा करने वाले संगठनों से सरकार लगातार बात कर रही है। आज भी दो घंटे तक बातचीत हुई मगर 'हठधर्मी' लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं। हालांकि सरकार ने बातचीत का रास्ता अब भी खुला रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजलीकर्मियों के साथ पिछली तीन दिसंबर को हुए समझौते के कई बिंदुओं पर कदम उठाये हैं। बाकी बिंदुओं पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस बीच, बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े 'उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन' ने 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' द्वारा घोषित हड़ताल के मद्देनजर सभी जिलों में अपने सदस्यों से कहा है कि वे दो घंटे अनिवार्य रूप से अतिरिक्त काम करें ताकि प्रदेश की विद्युत व्यवस्था ठीक रहे। 

एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि उन बिजली अभियंताओं को खास तौर से जिम्मेदारी दी गई है जो बाधित बिजली आपूर्ति को ठीक करने में माहिर हैं। 'विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति' के संयोजक दुबे ने कहा कि तीन दिसम्बर 2022 को बिजलीकर्मियों और सरकार के बीच हुए समझौते में कई बिन्दुओं पर सहमति बनी थी। इनमें ऊर्जा निगमों के चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशक का चयन समिति द्वारा किया जाना, पूर्व की तरह मिल रहे तीन पदोन्नति पदों के समयबद्ध वेतनमान के आदेश किया जाना, बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉईज प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाना और पारेषण के विद्युत उपकेन्द्रों के परिचालन एवं अनुरक्षण की आउटसोर्सिंग को बन्द करना प्रमुख रूप से शामिल हैं।

दुबे ने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों की हड़ताल के समर्थन में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉइज एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश भर के करीब 27 लाख बिजलीकर्मियों ने प्रदर्शन किया। एनसीसीओईईई के राष्ट्रीय संयोजक प्रशान्त चौधरी ने कहा है कि अगर शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे उत्तर प्रदेश के बिजलीकर्मियों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न किया गया तो देश के अन्य प्रांतों के 27 लाख बिजलीकर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे और ऐसे किसी भी दमनकारी कदम का देशभर में पुरजोर विरोध किया जायेगा। 
 

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