कांग्रेस का लखनऊ में ‘महंगाई मुक्त भारत’ मार्च: आराधना मिश्रा मोना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, पुलिस से हुई झड़प

Edited By Mamta Yadav,Updated: 07 Apr, 2022 08:06 PM

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कांग्रेस ने देश में ‘बढ़ती महंगाई’ के विरोध में शुरू किए गए ‘महंगाई मुक्त भारत’ अभियान के तहत बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। राजभवन मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से कथित झड़प भी हुई जिसकी वजह से...

लखनऊ: कांग्रेस ने देश में ‘बढ़ती महंगाई’ के विरोध में शुरू किए गए ‘महंगाई मुक्त भारत’ अभियान के तहत बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। राजभवन मार्च के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से कथित झड़प भी हुई जिसकी वजह से पुलिस द्वारा हल्का बल प्रयोग किया गया। कांग्रेस के मुताबिक प्रशासन ने उसके नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया।

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उत्तर प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक पार्टी महंगाई के विरोध में चरणबद्ध अभियान चला रही है जिसके तीसरे चरण में प्रदेश मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। बयान के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना व विधायक वीरेंद्र चौधरी,पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित कई पूर्व विधायकों एवं वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता प्रदेश मुख्यालय से राजभवन के लिए निकले, लेकिन बीच में ही प्रशासन द्वारा अवरोधक लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की गई। इस दौरान कांग्रेस नेताओं और प्रशासन के बीच बहस हुई।

आराधना मिश्रा मोना ने आरोप लगाया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता होने के बावजूद भाजपा सरकार मंहगा तेल और रसोई गैस बेच रही है। उन्होंने कहा कि लोग बेरोजगारी और आय न बढ़ने से परेशान हैं लेकिन भाजपा सरकार अपना खजाना भर रही है जबकि पूरा देश मंहगाई से परेशान है और भाजपा की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यकर्ताओं ने जब अवरोधक पार कर आगे बढ़ने की कोशिश की तो प्रशासन ने अलोकतांत्रिक तरीके से लाठीचार्ज किया जिससे कई कार्यकर्ताओं को चोटें आयीं है।

मोना ने कहा कि कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले जाया गया, जहां पार्टी की ओर से वरिष्ठ नेताओं ने राष्ट्रपति को राज्यपाल के माध्यम से मंहगाई कम करने को लेकर ज्ञापन सौंपा। प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि ‘‘भाजपा सरकार लोक कल्याण की भावना से हटकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कीमतें लगातार बढ़ने से आम जनमानस महंगाई से बेहाल है।’’ बयान के मुताबिक पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि ‘‘कांग्रेस सरकार के समय जब डीजल एवं पेट्रोल कीमतें 55-60 रूपये प्रति लीटर थी तब भाजपा के नेता सड़कों पर महंगाई का रोना रोते थे।’’ उन्होंने कहा कि आज जनता 105 रुपये पेट्रोल एवं 100 रूपये (प्रति लीटर)डीजल खरीद रही लेकिन भाजपा के नेता महंगाई पर बोलने को तैयार नहीं।

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