Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 08 Feb, 2023 11:56 AM
उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से रामचरितमानस को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा हुआ है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य संतों, कई नेताओं और हिन्दू संगठनों के निशाने पर हैं। विवादों के...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से रामचरितमानस को लेकर विवाद ने तूल पकड़ा हुआ है। रामचरितमानस पर विवादित बयान देकर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य संतों, कई नेताओं और हिन्दू संगठनों के निशाने पर हैं। विवादों के बाद भी मौर्य अपने बयान पर अटल हैं। इस बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उन साधु संतों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने की चुनौती दी है, जिन्होंने उनकी जीभ, नाक, सर और गला काटने के लिए ईनाम की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि योगी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के खिलाफ रासुका लगाना और मुकदमा दर्ज कराना चाहिए।
सुपारी देने वाले साधु संतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई- मौर्य
स्वामी प्रसाद ने कहा कि मैंने तो सिर्फ रामचरिमानस की कुछ पंक्तियों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें हटाने की मांग की थी। मैंने तो यह बात सांविधानिक दायरे में रह कर की थी। मेरे खिलाफ एफआइआर इसलिए दर्ज करायी गई क्योंकि मैं पिछड़ा हूं जबकि मेरे अंग काटने की सुपारी देने वाले साधु संतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मोहन भागवत ने दिया ये बयान...
विवादों के बीच जातीवाद को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा देते हुए कहा कि हमारे समाज के बंटवारे का ही फायदा दूसरों ने उठाया। इसी का फायदा उठाकर हमारे देश में आक्रमण हुए और बाहर से आए लोगों ने फायदा उठाया। इस पर सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मात्र बयान देकर लीपापोती करने से बात बनने वाली नहीं है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लिखा कि जाति-व्यवस्था पंडितो (ब्राह्मणों) ने बनाई है, यह कहकर RSS प्रमुख श्री भागवत ने धर्म की आड़ में महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो को गाली देने वाले तथाकथित धर्म के ठेकेदारों व ढोंगियों की कलई खोल दी, कम से कम अब तो रामचरित्र मानस से आपत्तिजनक टिप्पड़ी हटाने के लिये आगे आयें।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा था कि मा. प्रधानमंत्री जी आप चुनाव के समय इन्हीं महिलाओं, आदिवासियों, दलितों, पिछड़ो को हिंदू कहते हैं। आरएसएस प्रमुख, भागवत जी कहते हैं कि जाति पंडितों ने बनाई। तो आखिर इन्हें नीच, अधम, प्रताड़ित, अपमानित करने वाली रामचरित्र मानस की आपत्तिजनक टिप्पड़ीयों को हटाने हेतु पहल क्यों नहीं।