Edited By Mamta Yadav,Updated: 17 Jan, 2023 10:58 PM

CM Arvind Kejriwal: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी जिले में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के...
लखनऊ, CM Arvind Kejriwal: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान अमेठी जिले में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया। संबंधित निचली अदालतों के आदेशों के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की खंडपीठ ने कहा, ‘‘इस मामले में यह नहीं कहा जा सकता है कि आवेदक (केजरीवाल) के खिलाफ कोई आरोप नहीं है।''

पीठ ने कहा, ‘‘इसके अलावा, उनके (केजरीवाल) वकील यह साबित नहीं कर सके कि आरोपी पर लगे आरोप निराधार हैं।'' इस दलील पर कार्यवाही को खारिज करने से इनकार करते हुए कि मामला राजनीतिक विरोधियों द्वारा दर्ज किया गया था, पीठ ने कहा, ‘‘इन आरोपों का केवल सुनवाई के समय परीक्षण किया जाना आवश्यक है और यह न्यायालय अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत एक आवेदन में समानांतर परीक्षण नहीं कर सकता है।" वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उड़न दस्ते के मजिस्ट्रेट प्रेम चंद्र ने अमेठी जिले के कोतवाली मुसाफिरखाना थाने में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि केजरीवाल ने भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ सार्वजनिक बयान देकर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

केजरीवाल ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘जो कांग्रेस को वोट देगा, मेरी समझ से देश के साथ गद्दारी करेगा। जो भाजपा को वोट देगा उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा।'' जांच पूरी होने के बाद विवेचनाधिकारी ने केजरीवाल के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था। केजरीवाल ने आरोप पत्र से नाम हटाने के लिए एक आवेदन दाखिल किया था, लेकिन सुलतानपुर की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उसे चार अगस्त 2022 को खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ, केजरीवाल ने पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसे 21 अक्टूबर, 2022 को सुलतानपुर की सत्र अदालत ने खारिज कर दिया था। केजरीवाल ने उच्च न्यायालय में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के तहत एक आवेदन देकर निचली अदालतों के आदेशों को चुनौती दी थी, लेकिन इस पीठ ने भी यह अर्जी खारिज कर दी।