मुस्लिम वोट हथियाने के लिए पूरी ताकत झोंकेगी भाजपा, रामपुर में 12 को होगा देश का दूसरा मुस्लिम सम्मलेन

Edited By Ajay kumar,Updated: 07 Nov, 2022 05:06 PM

bjp will try its best to grab muslim votes in rampur

विधानसभा उप चुनाव में भाजपा मुस्लिम वोट हथियाने के लिए पूरी ताकत झोकेगी। भाजपा नेताओं की मुस्लिम पसमांदा वोट पर सीधी नजर है। पसमांदा मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए 12 नवंबर को रामपुर में मुस्लिम सम्मेलन कराए जाने की भी तैयारी है।

रामपुर: विधानसभा उप चुनाव में भाजपा मुस्लिम वोट हथियाने के लिए पूरी ताकत झोकेगी। भाजपा नेताओं की मुस्लिम पसमांदा वोट पर सीधी नजर है। पसमांदा मुस्लिम वोटरों को रिझाने के लिए 12 नवंबर को रामपुर में मुस्लिम सम्मेलन कराए जाने की भी तैयारी है। रामपुर शहर विधानसभा सीट पर इत्तेफाक से मुस्लिमों के उच्च जाति और पसमांदा मुस्लिमों के वोट बराबर-बराबर है। मजेदार बात यह है कि पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खां की जीत में पसमांदा मुस्लिमों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। लेकिन, इस बार आजम खां विधान सभा का उप चुनाव नहीं लड़ सकेंगे क्योंकि कोर्ट ने छह साल तक उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। ऐसे में भाजपा पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले करने के लिए बेताब है।

लखनऊ के बाद दूसरा पसमांदा मुस्लिमों का सम्मेलन रामपुर में होगा
पसमांदा शब्द फारसी भाषा का है जिसका अर्थ हैं जो लोग पीछे छूट गए हैं यानि दलित-पिछड़े, कुचले सताए हुए। इन दबे कुचले मुस्लिमों की कयादत भाजपा अपने हाथों में लेना चाहती है। इस सिलसिले में पसमांदा मुस्लिमों का एक सम्मेलन लखनऊ में हो चुका है और देश का दूसरा पसमांदा मुस्लिमों का सम्मेलन 12 नवंबर को रामपुर में होने वाला है। जिसमें केंद्रीय और प्रदेश स्तर के दिग्गज नेताओं के सिरकत करने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। भाजपाईयों ने पसमांदा मुस्लिम सम्मेलन के लिए तमाम तैयारियां शुरू कर दी हैं। रामपुर में देश का दूसरा पसमांदा सम्मेलन करके भाजपा पिछड़े मुस्लिमों में यह संदेश देना चाहती है कि सबका साथ-सबका विकास और प्रदेश स्तर के दिग्गज नेताओं ही पार्टी का मकसद है। कांग्रेस ने 60 सालों में उन्हें क्या दिया और भाजपा के साथ जुड़ने पर उनका भविष्य सुरक्षित है।

वर्ण व्यवस्था पर टिका हुआ मुस्लिम समाज-
राजकीय रजा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. शरीफ अहमद कुरैशी बताते हैं कि भारत में मुस्लिम समाज भी वर्ण एवं जाति व्यवस्था पर टिका हुआ है। मुस्लिम चार मुख्य वर्गों और सैकड़ों बिरादरियों में बंटे हुए हैं। जो सवर्ण या उच्च जाति के मुस्लिम है वो अशरफ कहे जाते हैं जोकि, मध्य एशिया से हैं इनमें शेख, सैयद, मुगल, पठान आते है और भारत में जिन सवर्ण जातियों से लोग मुस्लिम बने, उन्हें भी उच्च वर्ग में शुमार किया जाता है इन्हें आज भी मुस्लिम राजपूत, त्यागी मुस्लिम, गौतम मुस्लिम, चौधरी या चौधरी मुस्लिम, गौर मुस्लिम के तौर पर जाने जाते हैं।

पसमांदा मुस्लिमों में आती हैं यह जातियां
(राईन) कुंजडे, (जुलाई) अंसारी, ( धुने) मसूरी (कसाई) कुरैशी, फकीर, अल्वी, (हज्जाम), सलमानी, घोसी, धोबी, लुहार बढ़ाई ( सैफी), मनिहार, दर्जी (इदरीसी), वनगुर्जर आदि ।

 

 

 

 

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Lucknow Super Giants

Royal Challengers Bengaluru

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!