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पंचायत चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करेगी भाजपा, 10 हजार राजनीतिक पदों पर करेगी नियुक्तियां

Edited By Ramkesh,Updated: 27 Feb, 2025 03:06 PM

bjp will remove the resentment of workers before panchayat elections

भारतीय जनता पार्टी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पंचायत चुनाव- 2026 से पहले कई राजनीतिक खाली पदों पर नियुक्ति करने की तैयरी कर रही है जिससे नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया जा सके और इसका फायदा आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 में मिल सके। पार्टी...

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए पंचायत चुनाव- 2026 से पहले कई राजनीतिक खाली पदों पर नियुक्ति करने की तैयरी कर रही है जिससे नाराज कार्यकर्ताओं को मनाया जा सके और इसका फायदा आने वाले विधानसभा चुनाव 2027 में मिल सके। पार्टी सूत्रों की मानें तो कम से कम 10 हजार पदों पर भर्ती होगी इसका फायदा कार्यकर्ताओं को होगा। इस पदों पर 10 हजार से 50 हजार रुपए तक का मानदेय मिलेगा।

10 हजार पदों पर होगी भर्ती
आप को बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा वर्ष साल 25 मार्च का पूरे हो रहे हैं। राष्ट्रीय नेतृत्व के आदेश के बाद यूपी भाजपा ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। 10 हजार ऐसे पद हैं, जिन पर नियुक्तियां होनी हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े 14 फरवरी को लखनऊ दौरे पर आए थे। उन्होंने सीएम योगी, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मुलाकात की थी। साथ ही जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही, पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह से भी मिले थे। तावड़े ने सभी से राजनीतिक नियुक्तियों पर चर्चा की। साथ ही बताया था कि केंद्रीय नेतृत्व चाहता है, कार्यकर्ताओं के सरकार में समायोजन के लिए राजनीतिक नियुक्तियां जल्द की जाएं।

20 से लेकर 50 हजार रुपए महीने तक मानदेय
 दरअसल, निगम और बोर्ड में राजनीतिक नियुक्तियों में 20 से लेकर 50 हजार रुपए महीने तक मानदेय मिलता है। कुछ आयोग में अध्यक्ष और सदस्यों का मानदेय शासन के प्रमुख सचिव के वेतनमान के समकक्ष भी है। लखनऊ में टाइप- 4 और 5 के आवास, वाहन और सुरक्षा गार्ड की सुविधा भी मिलती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वेतनमान से ज्यादा अहमियत समाज और क्षेत्र में उनके ओहदे और प्रभाव की है।

सभी जातियों को मिले प्रतिनिधित्व
पार्टी सूत्रों की मानें तो, कुछ नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को सुझाव दिया है कि राजनीतिक नियुक्तियों में सभी समाज के लोगों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। एक-दो समाज को ही तरजीह देने से भी गलत संदेश जा रहा है। पिछले साल हुई नियुक्तियों में एक-दो समाज का ही वर्चस्व रहा। इसकी शिकायत केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंची थी। फिलहाल यह देखने वाली बात होती है कि पार्टी कब पदों भर्तियां करती है। 

 

 

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