यूपीः विधानसभा उपचुनाव में भाजपा और विपक्ष ने झोंकी पूरी ताकत

Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Oct, 2019 09:27 AM

bjp and opposition show full force in up assembly by election

राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है । उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले की उम्मीद है ।

लखनऊ: राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में 11 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है । उपचुनाव में चतुष्कोणीय मुकाबले की उम्मीद है । भाजपा, बसपा, सपा और कांग्रेस ने सभी सीटों के लिए अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं । मतदान 21 अक्टूबर को होना है। 

भाजपा इस उपचुनाव में सभी सीटों को जीतकर सूपड़ा साफ करने का प्रयास कर रही है हालांकि बिखरा विपक्ष भी कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड रहा है । उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं । जिन 11 सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं, उन पर कुल 110 प्रत्याशी मैदान में हैं । ये चुनाव इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण हैं कि इनसे ही 2022 के विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार होगी। 

वंचितों, पीडितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं की आवाज बनेगी कांग्रेस-अजय कुमार लल्लू 
कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा है कि पार्टी वंचितों, पीडितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं की आवाज बनेगी । उन्होंने कहा, ‘‘ हमारे समक्ष कई चुनौतियां हैं लेकिन वरिष्ठों के आशीर्वाद और युवाओं के समर्थन से कांग्रेस को 2022 में सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता ।'' 

 भाजपा उपचुनाव में 'क्लीन स्वीप' करेगी- स्वतंत्र देव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह का दावा है कि उपचुनाव में नतीजे ‘‘एकतरफा'' भाजपा के पक्ष में होंगे । उन्होंने कहा है, ‘‘पूरे राज्य में भाजपा का कार्यकर्ता निष्ठावान कैडर है और हम लोग निजी फायदे की बजाय पार्टी के कार्यक्रमों को लेकर कार्य कर रहे हैं । योगी आदित्यनाथ सरकार गरीब से गरीब लोगों और वंचितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है । भाजपा उपचुनाव में 'क्लीन स्वीप' करेगी ।'' 

सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को मजबूत संकेत देना चाहती है । वैसे भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का खासी किरकिरी हो चुकी है और वह एकमात्र रायबरेली सीट ही जीत सकी, जहां पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी ने चुनाव जीता । लोकसभा चुनाव में सपा—बसपा का गठजोड़ था लेकिन चुनाव के बाद ही यह टूट गया । सपा—बसपा ने मिलकर 15 लोकसभा सीटें जीती थीं । सपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था । राज्य विधानसभा में भाजपा के 302 विधायक हैं जबकि सपा के 47 विधायक हैं । बसपा के 18, भाजपा की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के आठ और कांग्रेस के सात विधायक हैं । हमीरपुर में हाल ही में संपन्न उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी युवराज सिंह ने जीत दर्ज की थी ।

उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के मनोज प्रजापति को हराया था। जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, वे गंगोह, रामपुर, इगलास (सु), लखनऊ कैण्ट, गोविन्दनगर, मानिकपुर, प्रतापगढ, जैदपुर (सु), जलालपुर, बलहा (सु) और घोसी हैं । कुछ विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उपचुनाव कराने पडे । घोसी विधानसभा सीट विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाये जाने के बाद रिक्त हो गयी थी । जिन 11 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से आठ पर भाजपा का कब्जा था । प्रतापगढ सीट अपना दल (सु) के खाते में गयी थी । रामपुर और जलालपुर (आंबेडकरनगर) सीटें क्रमश: सपा और बसपा ने जीती थीं । सबसे अधिक 13 प्रत्याशी लखनऊ कैण्ट और जलालपुर सीटों पर हैं । घोसी में 12 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि गंगोह, प्रतापगढ और बलहा में ग्यारह ग्यारह प्रत्याशी हैं । गोविन्दनगर और मानिकपुर में नौ नौ, रामपुर, इगलास और जैदपुर में सात सात प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं । 

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