डॉ. कफील खान को HC से बड़ी राहत: 2019 निलंबन मामले में यूपी सरकार के आदेश पर लगाई रोक

Edited By Umakant yadav,Updated: 15 Sep, 2021 11:03 AM

big relief to dr kafeel khan from hc stay on second suspension order

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान को दूसरी बार निलंबित करने संबंधी आदेश पर पिछले शुक्रवार को रोक लगा दी। डॉक्टर कफील को 31 जुलाई, 2019 को एक बार फिर इस आरोप पर निलंबित किया गया था कि उन्होंने बहराइच जिला अस्पताल में मरीजों...

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान (Dr Kafeel Khan) को दूसरी बार निलंबित करने संबंधी आदेश पर पिछले शुक्रवार को रोक लगा दी। डॉक्टर कफील को 31 जुलाई, 2019 को एक बार फिर इस आरोप पर निलंबित किया गया था कि उन्होंने बहराइच जिला अस्पताल में मरीजों का जबरदस्ती इलाज किया और सरकार की नीतियों की आलोचना की। यह दूसरी बार था जब डॉक्टर कफील को राज्य सरकार द्वारा निलंबित किया गया, जबकि गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त, 2017 की घटना के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस घटना में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 60 बच्चों की मृत्यु हो गई थी।

डॉक्टर कफील अहमद खान द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच एक महीने में पूरी करने का निर्देश दिया। अदालत ने निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता जांच में सहयोग करेंगे। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 11 नवंबर, 2021 तय करते हुए निर्देश दिया कि प्रतिवादी (राज्य सरकार के अधिकारी) चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करें।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि निलंबन का यह आदेश 31 जुलाई, 2019 को पारित किया गया था जिसे दो साल से अधिक समय बीत चुका है और जांच पूरी नहीं हुई है। इसलिए अजय कुमार चौधरी बनाम केंद्र सरकार (2015) के मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय को देखते हुए निलंबन का यह आदेश प्रभावी नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता को पहले ही निलंबित किया गया था, इसलिए दूसरी बार निलंबन का आदेश पारित करने का कोई उद्देश्य नहीं है। ऐसा कोई नियम नहीं है जो राज्य सरकार को पहले से निलंबित कर्मचारी के लिए दूसरा निलंबन आदेश पारित करने की अनुमति देता हो।

हालांकि, राज्य सरकार के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ जांच रिपोर्ट 27 अगस्त, 2021 को सौंपी जा चुकी है और इसकी प्रति 28 अगस्त, 2021 को याचिकाकर्ता को भेजी गई है जिसमें उन्हें जांच रिपोर्ट के खिलाफ आपत्ति पेश करने को कहा गया है। सरकारी वकील ने अदालत को आश्वस्त किया कि यह जांच जल्द पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों के पास दूसरा निलंबन आदेश पारित करने का अधिकार है, इसलिए उक्त आदेश कानून के मुताबिक है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में विचार करने की जरूरत है।

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