Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Jan, 2023 08:36 AM
कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra)आज से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से 9 दिनों के शीतकालीन अवकाश के बाद फिर से शुरू होगी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गाजियाबाद के लोनी से उत्तर प्रदेश में...
नई दिल्ली/ लखनऊ(अश्वनी सिंह): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व वाली 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra)आज से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से 9 दिनों के शीतकालीन अवकाश के बाद फिर से शुरू होगी। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) गाजियाबाद के लोनी से उत्तर प्रदेश में शामिल होंगे। इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ पार्टी के कई बड़े नेता शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) भी इस यात्रा में शामिल हो सकती हैं। बता दें कि यात्रा ने 110 से अधिक दिनों और 3,000 किमी से अधिक मार्च को कवर किया है। ब्रेक से पहले यात्रा दक्षिणी राज्यों से शुरू होकर राजस्थान और दिल्ली तक गई। 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई यात्रा अब तक तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र और हरियाणा के कुछ हिस्सों को कवर कर चुकी है। इसका समापन जम्मू-कश्मीर में होगा।
'भारत के इतिहास में किसी भी भारतीय राजनेता द्वारा सबसे लंबा पैदल मार्च'
कांग्रेस ने दावा किया है कि यह भारत के इतिहास में किसी भी भारतीय राजनेता द्वारा सबसे लंबा पैदल मार्च है। इस यात्रा के साथ, राहुल गांधी का लक्ष्य पार्टी के कैडर को लामबंद करना और देश में भाजपा की "विभाजनकारी राजनीति" के खिलाफ आम जनता को एकजुट करना है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने बहन और एआईसीसी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ देश भर में 'हाथ से हाथ जोड़ो' अभियान का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी सौंपी है।

'भारत जोड़ो यात्रा' के बाद, कांग्रेस 2 महीने का 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' करेगी शुरू'
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, "भारत जोड़ो यात्रा के बाद, कांग्रेस दो महीने का 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' शुरू करेगी। इस पहल के तहत, प्रियंका गांधी वाड्रा हर जगह महिला सदस्यों के साथ पैदल मार्च और रैलियों का नेतृत्व करेंगी। सूत्रों ने आगे बताया कि प्रियंका मार्च में महिला कैडरों के साथ मार्च की लहर का नेतृत्व करेंगी, जिसमें बढ़ती महंगाई और जनता, खासकर मध्यम वर्ग पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। महिलाओं से जुड़े अन्य मुद्दे भी रैली का प्रमुख बिंदु होंगे। जबकि प्रियंका के चेहरे के साथ कांग्रेस अभियान का उद्देश्य महिला मतदाताओं को लुभाना है, जो देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं।