बाबरी विध्वंस मामला: फैसला आने से पहले अयोध्या समेत प्रदेश में हाई अलर्ट

Edited By Umakant yadav,Updated: 29 Sep, 2020 02:15 PM

babri demolition high alert in the state ayodhya before the verdict comes

बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले का फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीबीआई के विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके यादव 32 आरोपियों...

लखनऊ: बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के मामले का फैसला आने से पहले अयोध्या समेत समूचे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। सीबीआई के विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके यादव 32 आरोपियों के समक्ष सुबह 10 बजे फैसला सुनाएंगे। हालांकि कई आरोपी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अदालत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे, लेकिन इनमें से कुछ निजी तौर पर अदालत में मौजूद होंगे। करीब 28 साल के लंबे अंतराल के बाद आने वाले ऐतिहासिक फैसले की संवेदनशीलता के मद्देनजर सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं।

नेपाल सीमा समेत सभी जिलों में एलर्ट
नेपाल सीमा समेत सभी जिलों में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट में रहने के निर्देश दिए गए हैं। इस मौके पर राम की नगरी अयोध्या में सुरक्षा बलों की पैनी नजर रहेगी जहां फैसले के समय कुछ आरोपी मौजूद होंगे। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को कहा कि सी.बी.आई. अदालत के फैसले के मद्देनजर सभी जिलों में सुरक्षा बलों को मुस्तैद रहने को कहा गया है। अयोध्या में सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये हैं।

कुछ आरोपी वीडियो कान्फ्रैंसिंग से तो कुछ अदालत में होंगे मौजूद
आरोपियों के वकीलों के अनुसार पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी की उम्र का लिहाज करते हुए अदालत में निजी तौर पर उपस्थित रहने से छूट दी गई है। वे वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए अपनी मौजूदगी अदालत में दर्ज कराएंगे। इस दौरान उनके आवास के बाहर पुलिस तैनात रहेगी और अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें घर में नजरबंद किया जा सकता है। इसी प्रकार कोरोना संक्रमण से ग्रसित मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अलावा कोरोना से उबरने के बावजूद लगातार आक्सीजन पर चल रहे महंत नृत्य गोपाल दास अदालत में उपस्थित नहीं होंगे। मामले के आरोपी सतीश प्रधान समेत कुछ अन्य आरोपियों को भी बीमारी के कारण अदालत में मौजूद रहने से छूट प्रदान की गई है।

वकीलों ने बताया कि फैसला विस्तृत होगा क्योंकि सभी 32 आरोपियों पर आई.पी.सी. की अलग अलग धाराओं के तहत मामले दर्ज हुए हैं। इसलिए अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो सजा भी अलग-अलग होगी।

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