दीक्षांत समारोह: आनंदीबेन पटेल बोलीं- वैश्विक अपेक्षाओं का केंद्र है युवा भारत

Edited By Mamta Yadav,Updated: 23 Feb, 2023 09:35 PM

anandiben patel said  young india is the center of global expectations

युवाओं को स्वरोजगार के लिये प्रेरित करते हुये उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अध्यक्षता में गुरुवार को कहा युवाओं का देश भारत आज के दौर में वैश्विक अपेक्षाओं का केंद्र बन चुका है।

लखनऊ: युवाओं (youth) को स्वरोजगार (self employed) के लिये प्रेरित करते हुये उत्तर प्रदेश की राज्यपाल (UP Governor) आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) अध्यक्षता में गुरुवार को कहा युवाओं का देश भारत आज के दौर में वैश्विक अपेक्षाओं का केंद्र बन चुका है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 26वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये पटेल ने कहा कि दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, विद्यार्थी इससे समझकर स्वयं को निरंतर अपडेट भी करते रहें। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है। आज के दौर में वैश्विक अपेक्षाओं का केंद्र भी है। प्रधानमंत्री द्वारा युवाओं की क्षमता संवर्धन द्वारा विश्व स्तर पर नेतृत्व दे सकने की क्षमता विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिसमें स्टार्टअप, स्वरोजगार, स्पेस की गतिविधियां और नवीन तकनीकी विकास जैसे तमाम क्षेत्रों में अपर संभावनाएं शामिल हैं।
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राज्यपाल ने विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए देश के विकास में योगदान देने की अपील करते हुये विश्वविद्यालयों को अध्यापन में मौलिकता और शोधकार्यों को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने शिक्षा के चारित्रिक गुणों के उच्चतम विकास का आधार बताते हुए कहा कि ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक ज्ञान और संस्कार से होता है। उन्होंने उपाधि प्राप्त कर्ताओं से कहा कि शिक्षा प्रदान करने और योग्य बनाने में माता-पिता ,गुरुजनों तथा वरिष्ठों का बड़ा योगदान होता है इसलिए अपने सामाजिक जीवन की यात्रा में इनका सदैव स्मरण रखें।
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पटेल ने 65 मेधावियों को प्रथम प्रयास में अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर 66 स्वर्ण पदक प्रदान किया। स्नातक स्तर पर 18 एवं परास्नातक स्तर पर 48 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक मिला। दीक्षांत समारोह में 307 शोधार्थियों को मिली पीएच.डी. की उपाधि मिली. जिसमें 178 कला संकाय में, विज्ञान संकाय में 17, कृषि संकाय में 09, शिक्षा संकाय में 66, विधि संकाय में 09, इंजीनियरिंग संकाय में 04, वाणिज्य संकाय में 15, प्रबंध संकाय में 06, अनुप्रयुक्त समाज विज्ञान एवं मानविकी संकाय में 03 शोधार्थियों को उपाधि मिली।
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अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थय की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनिया भर में इसकी मांग बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों के प्रचार-प्रसार कराने को कहा।समारोह में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की ‘भारतीय सामाजिक परिप्रेक्ष्य में नारी‘ और ‘गतिमान‘ पत्रिका का विमोचन किया।

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